सार

आम आदमी पार्टी नेता और अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री राजकुमार आनंद ने बुधवार को अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफा देने से पहले मोदी सरकार को घेरा था। फिर अपनी ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया। ये बात किसी के समझ में नहीं आई।

दिल्ली. अरविंद केजरीवाल की सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने बुधवार को अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफा देने से पहले सोशल मीडिया पर ऐसी बात लिखी थी। जिसे पढ़कर आप भी हैरान रह जाएंगे। क्योंकि जो व्यक्ति दो घंटे पहले तक आप पार्टी के हित में सोचता था, उसे अचानक ऐसा क्या हुआ, जो उसने पार्टी भी छोड़ दी और अपने पद से भी इस्तीफा दे दिया।

ये लिखी थी बात

इस्तीफा देने से करीब दो घंटे पहले मंत्री राजकुमार आनंद ने आप नेता और सांसद संजय सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा था कितना हास्यास्पद बात है कि एक चुने हुए मुख्यमंत्री और सांसद को मुलाकात के लिए टोकन नंबर दिया जाता है। फिर मुलाकात को कैंसिल कर दिया जाता है। तिहाड़ जेल के अधिकारी मोदी सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। ये बात लिखने के कुछ ही देर बाद राजकुमार आंनद ने इस्तीफा दिया। इसके बाद उनका बयान कुछ और ही था।

इस्तीफा देने के बाद बोले राजकुमार आनंद

मैं राजकुमार आनंद मैं दिल्ली सरकार में मंत्री हूं। मेरे पास सात पोर्टफोलियो है। लेकिन आज में बहुत व्यथित हूं। मैं अपना दुख साझा करने आया हूं। मैं राजनीति में जब आया था, तब अरविंद केजरीवाल जी ने कहा था राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा। लेकिन आज बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है। राजनीति तो नहीं बदली, लेकिन राजनेता बदल गए। आम आदमी पार्टी का जन्म ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से हुआ था। लेकिन आज यही पार्टी खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है। मेरे लिए मंत्री पद पर रहकर इस सरकार में काम करना असहज हो गया है। मैं इस सरकार और अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं। क्योंकि मैं इन भ्रष्ट आचरणों में अपना नाम नहीं जुड़वाना चाहता हूं। मैं नहीं समझता कि हमारे पास शासन करने की नैतिक ताकत बची है।

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क्या ईडी की कार्रवाई से डरे राजकुमार आनंद

राजकुमार आनंद द्वारा अचानक इस्तीफा दिये जाने पर कई प्रकार के सवाल उठने लगे हैं। कोई कह रहा है वे भाजपा में शामिल होंगे। तो किसी का कहना है कि वे ईडी की कार्रवाई से डर गए हैं। क्योंकि हालही उनके यहां भी ईडी ने छापा मारा था। ऐसे में वे ईडी की कार्रवाई से बचने के लिए आप पार्टी को छोड़ दिये और मंत्री पद भी छोड़ दिया। लेकिन लोगों का यह भी कहना है कि जब उन्हें इतना डर था, तो सोशल मीडिया पर उन्होंने पीएम मोदी को क्यों घेरा।

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