Love Beyond Limits? क्या सच में प्यार समाज की सीमाओं को तोड़ सकता है? सुंदरबन की रिया और राखी ने दुनिया को चौंकाते हुए मंदिर में रचाई शादी। परिवार ने किया इंकार, पर उन्होंने कहा “प्यार ही सच में मायने रखता है।” अब सवाल है-क्या समाज उन्हें अपनाएगा?
सुंदरबन (पश्चिम बंगाल)। सुंदरबन से एक ऐसी प्रेम कहानी सामने आई है जिसने समाज की परंपरागत सोच को झकझोर दिया है। दो महिलाओं ने न सिर्फ अपने प्यार को स्वीकार किया, बल्कि सबके सामने मंदिर में शादी भी की। यह कहानी है रिया सरदार और राखी नास्कर की-दो प्रोफेशनल डांसर, जिन्होंने समाज की बंदिशों को तोड़कर अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जीने का फैसला किया।
कहां शुरू हुई थी ये कहानी?
रिया और राखी की मुलाकात लगभग दो साल पहले हुई थी। दोनों ही डांस की दुनिया से जुड़ी थीं, और धीरे-धीरे उनकी दोस्ती फोन कॉल्स के ज़रिए गहरी होती गई। जो रिश्ता दोस्ती के रूप में शुरू हुआ, वह धीरे-धीरे एक गहरे प्यार में बदल गया। रिया ने अपने परिवार को जब राखी के साथ रिश्ते के बारे में बताया, तो उन्होंने इस रिश्ते को मानने से इनकार कर दिया। समाज की बंद सोच और परिवार के विरोध के बावजूद, रिया ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने घर को छोड़ दिया और राखी के साथ रहने चली गईं-जहां राखी का परिवार उनके साथ मजबूती से खड़ा रहा।

कैसे हुई शादी-मंदिर में रचाया विवाह
मंगलवार को स्थानीय लोगों और पड़ोसियों की मौजूदगी में, दोनों ने एक मंदिर में शादी की। एक-दूसरे को माला पहनाकर उन्होंने अपने रिश्ते को नई पहचान दी। इस शादी को देखकर स्थानीय लोग भी चौंक गए, लेकिन धीरे-धीरे लोगों ने इसे समझने और स्वीकारने की कोशिश की। रिया ने मीडिया से कहा–“मैंने अपने परिवार को बताया, पर किसी ने नहीं माना। मैंने तय किया कि मैं उस इंसान को नहीं छोड़ूंगी जिससे मैं सच्चा प्यार करती हूं। प्यार ही असली मायने रखता है।” वहीं राखी बोलीं–“हम दो साल से साथ हैं। कई लोगों ने कहा कि दो लड़कियां साथ कैसे रह सकती हैं, लेकिन हमने तय किया कि हम ज़िंदगी भर एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ेंगे।”
क्या समाज तैयार है ऐसे रिश्तों को स्वीकारने के लिए?
रिया और राखी की शादी ने यह बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है-क्या अब समाज ऐसे रिश्तों को खुले दिल से अपनाने को तैयार है? उनकी कहानी यह साबित करती है कि प्यार का कोई लिंग नहीं होता, कोई सीमा नहीं होती। जब दो दिल सच्चे हों, तो समाज की दीवारें भी कमजोर पड़ जाती हैं।
सुंदरबन से संदेश "प्यार ही सच में मायने रखता है"
रिया और राखी की यह कहानी केवल शादी नहीं, बल्कि एक संदेश है-“प्यार ही सच में मायने रखता है। समाज की सोच बदलनी होगी, क्योंकि प्यार किसी बंधन में नहीं बंध सकता।” पश्चिम बंगाल में यह पहली घटना नहीं है। पिछले साल दुबराजपुर में भी दो महिलाओं-नमिता दास और सुष्मिता चटर्जी ने मंदिर में शादी करके ऐसी ही मिसाल पेश की थी।
