सार
टमाटर की कीमतों पर अंकुश लगाने और उन्हें किफायती बनाने के लिए सरकार ने अंडर प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड के तहत उनकी खरीद शुरू कर दी है और उपभोक्ताओं को अत्यधिक रियायती दर पर उपलब्ध करा रही है।
नई दिल्ली. देशभर में महंगे टमाटरों ने एक बड़ा मुद्दा बनाकर रखा है। हालांकि अब उम्मीद जताई जा रही है कि टमाटर के दाम धीरे-धीरे कंट्रोल में आएंगे। राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि महाराष्ट्र के नासिक, नारायणगांव और औरंगाबाद बेल्ट और मध्य प्रदेश से भी नई फसल की आवक बढ़ने से टमाटर की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है।
देश में टमाटर की प्राइज और आगे की रेट
मिनिस्टर ऑफ स्टेट कन्ज्यूमर अफेयर्स, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन अश्विनी चौबे ने कहा कि शुक्रवार(21 जुलाई) को कहा कि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से नई फसलों की अधिक आपूर्ति के साथ टमाटर की खुदरा कीमतों में गिरावट की उम्मीद है। मानसून की बारिश और अन्य मुद्दों के कारण सप्लाई चेन बाधित होने के कारण देश के कई हिस्सों में रिटेल कीमतें 200-250 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं।
मिनिस्टर ने कहा कि टमाटर की कीमतों में मौजूदा वृद्धि किसानों को अधिक टमाटर की फसल उगाने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है, जिससे आने वाले महीनों में कीमतें स्थिर होने की उम्मीद है।
मिनिस्टर ने कीमतों में हालिया वृद्धि के लिए फसल की मौसमी स्थिति, कोलार (कर्नाटक) में सफेद मक्खी की बीमारी, देश के उत्तरी हिस्से में मानसून की बारिश, जिसने हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में टमाटर की फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला और भारी बारिश के कारण अलग-अलग इलाकों में सप्लाई प्रभावित हुई।
टमाटर की कीमतें कब कम होंगी?
मंत्री ने बताया कि 10-16 जुलाई के सप्ताह के दौरान दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़ और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में टमाटर की औसत दैनिक खुदरा कीमत 150 रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर गई थी। 18 जुलाई को, दिल्ली में औसत खुदरा मूल्य घटकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम और पंजाब में 127.70 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया।
टमाटर की कीमतों पर अंकुश लगाने और उन्हें किफायती बनाने के लिए सरकार ने अंडर प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड के तहत उनकी खरीद शुरू कर दी है और उपभोक्ताओं को अत्यधिक रियायती दर पर उपलब्ध करा रही है।
मिनिस्टर के मुताबिक नेशनल कॉपरेटिव कन्ज्यूमर्स फेडरेशन (NCCF) और नेशनल एग्रीकल्चर कॉपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (नेफेड) लगातार आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से टमाटर खरीद रहे हैं और उन्हें दिल्ली-एनसीआर, बिहार और राजस्थान आदि के प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों में सस्ती कीमतों पर उपलब्ध करा रहे हैं।
टमाटर की कीमतों पर कंट्रोल करने के बाद स्थित
टमाटर को शुरू में खुदरा मूल्य 90 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचा गया था, जिसे 16 जुलाई से घटाकर 80 रुपये प्रति किलोग्राम और 20 जुलाई से 70 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया है। 18 जुलाई तक उपभोक्ताओं के लाभ के लिए प्रमुख उपभोग केंद्रों में निरंतर खुदरा निपटान के लिए कुल 391 टन टमाटर खरीदे गए थे।
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