सार
ग्राम्य विकास मंत्री ने मुख्य विकास अधिकारियों को ग्राम्य विकास से संबंधित सभी संचालित योजनाओं को गुणवत्ता के साथ सफल क्रियान्वयन के निर्देश दिये।
Uttarakhand Rural Development meeting: प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी द्वारा शुक्रवार को सिविल सर्विसेज इन्सिटिटयूट, राजपुर रोड देहरादून में सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा एवं सभी जनपदों के मुख्य विकास अधिकारियों के साथ ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा की। मीटिंग में वर्चुवल माध्यम से समस्त जनपदों के जनपद स्तरीय अधिकारी एवं 95 विकास खण्डों के खण्ड विकास अधिकारियों द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। विभागान्तर्गत केन्द्र पोषित योजनायें राज्य पोषित एवं वाहय सहायतित परियोजना संचालित हैं, जिनकी प्रगति के संबंध में जनपदवार / योजनावार विस्तृत चर्चा की गयी।
ग्राम्य विकास मंत्री ने मुख्य विकास अधिकारियों को ग्राम्य विकास से संबंधित सभी संचालित योजनाओं को गुणवत्ता के साथ सफल क्रियान्वयन के निर्देश दिये। उन्होंने समस्त जरूरतमंद ग्रामीणों तक योजनाओं का लाभ पहुचाने के भी निर्देश दिये ।
बैठक में सचिव राधिका झा ने बताया कि विभाग के अन्तर्गत श्रम रोजगार तथा कौशल विकास, आजीविका संवर्धन, ग्रामीण अवस्थापना, ग्रामीण मार्ग संयोजकता, सीमांत क्षेत्र विकास एवं पलायन रोकथाम योजना संचालित हैं जिसमें श्रम रोजगार तथा कौशल विकास को बढ़ावा दिये जाने हेतु महात्मा गांधी नरेगा एवं दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के अन्तर्गत कार्य किया जा रहा है। स्वरोजगार के दृष्टिगत आजीविका संवर्धन में दीनदयाल अन्त्योदय योजना (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन), ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना ( REAP), महात्मा गांधी नरेगा एवं ग्रामीण व्यवसाय इन्क्यूबेटर (RBI) के अन्तर्गत कार्य किया जा रहा है। ग्रामीण अवस्थापना में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, महात्मा गांधी नरेगा एवं दीनदयाल अन्त्योदय योजना (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के अन्तर्गत कार्य किया जा रहा है। ग्रामीण मार्ग संयोजकता में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में फेस प्रथम एवं द्वितीय की समस्त योजनाओं को माह मार्च 2024 तक पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
मंत्री गणेश जोशी ने मुख्य विकास अधिकारियों को पीएमजीएसवाई के कार्यों की जिलाधिकारी एवं स्वयं के स्तर पर समीक्षा करने के निर्देश दिये। मनरेगा के अन्तर्गत सोशल ऑडिट नियमानुसार / प्रक्रियानुसार किये जाने तथा धरातल में योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं के निराकरण पर जोर दिया गया। सीमांत क्षेत्रों के विकास हेतु सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम, वाईब्रेट विलेज प्रोग्राम एवं मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम जैसी महत्वकांक्षी योजनाओं के अन्तर्गत किये जा रहे कार्यों के सतत अनुश्रवण के भी निर्देश दिये।
मीटिंग में बताया गया कि पलायन रोकथाम हेतु ग्राम्य विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के अन्तर्गत पलायन ग्रस्त गांवों में विकास किये जा रहे हैं, जिन्हें जनपद की आवश्यतानुसार किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। ग्राम्य विकास विभाग के अन्तर्गत गरीबी उन्मूलन एवं आजीविका के निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित समूह के सदस्यों को सशक्तीकरण, आजीविका सम्वर्धन एवं स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं का संचालन कर समूहों की महिलाओं को सशक्त बनाये जाने का कार्य किया जा रहा है, जिसके तहत 40000 से अधिक सदस्यों को लखपति दीदी के रूप में तैयार किया गया है। इसमें मुख्य विकास अधिकारी विकास खण्ड स्तर पर खण्ड विकास अधिकारियों की अहम भूमिकायें हैं, जिसके लिये निरन्तर अनुश्रवण पर भी बल दिया जा रजा है। योजनाओं के अन्तर्गत जिन जनपदों द्वारा सराहनीय कार्य किया गया उन्हें प्रोत्साहित कर अन्य जनपदों को भी रणनीति के तहत कार्य के निर्देश दिये गये हैं, ताकि आगामी बैठक में समस्त जनपदों की प्रगति सराहनीय रहे।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत रैंकिंग में प्रथम तीन जनपद टिहरी, बागेश्वर एवं पौड़ी हैं, जबकि जनपद उधमसिंह नगर, पिथौरागढ एवं हरिद्वार की रैंकिंग सबसे कम रही। मनरेगा के अन्तर्गत चम्पावत, पौडी एवं उधमसिंह नगर प्रथम तीन स्थान पर जबकि देहरादून, बागेश्वर एवं उत्तरकाशी अंतिम रहे। इसी प्रकार प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में बागेश्वर चम्पावत प्रथम, रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी द्वितीय स्थान एवं देहरादून, नैनीताल एवं टिहरी तृतीय स्थान पर रहे, किन्तु जनपद अल्मोडा. उधमसिंह नगर एवं पौडी अंतिम स्थान में रहे। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के अन्तर्गत कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिये जाने तथा प्रत्येक योजना के अन्तर्गत सफलता एवं असफलता की कहानी तैयार कर प्रस्तुत करने एवं योजना आउटकम पर विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश दिये गये है साथ ही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से उत्पादित उत्पादों को आउटलेट के माध्यम से विपणन किया जा रहा है। बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत समस्त आवासों को पूर्ण किये जाने के भी निर्देश दिये गये। इस अवसर पर समस्त जनपदों के मुख्य विकास अधिकारियों द्वारा जनपद में किये जा रहे कार्यों एवं बेस्ट प्रैक्टसीज का प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया गया।
बैठक में आनन्द स्वरूप, अपर सचिव / आयुक्त, ग्राम्य विकास, नितिका खण्डेवाल, अपर सचिव, ग्राम्य विकास, श्री कर्मेन्द्र सिंह, सी.ई.ओ. पीएमजीएसवाई, नरेन्द्र कुमार जोशी, निदेशक, उसाटा, समस्त जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।