सार
ज़ीरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ ने यह साबित किया कि औपचारिक शिक्षा के बिना भी सफलता प्राप्त की जा सकती है। जानें कैसे 14 साल की उम्र से उन्होंने उद्यमिता की शुरुआत की और 2024 में भारत के सबसे युवा अरबपति बने।
नई दिल्ली। निखिल कामथ का जीवन इस बात का प्रतीक है कि सफलता प्राप्त करने के लिए फार्मल एजूकेशन की जरूरत नहीं होती। ज़ीरोधा (Zerodha)के को-फाउंडर निखिल कामथ ने केवल 14 साल की उम्र में ही फ़ोन बेचना शुरू कर दिया था। हालांकि उनकी मां ने इस पर नाराज़गी जाहिर की और एक बार उनके फ़ोन को शौचालय में फेंक दिया। निखिल की पढ़ाई में दिलचस्पी कम होने के कारण उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था, जिससे हताश होने के बजाय उन्होंने नए अवसर में तब्दील कर दिया।
14 साल पहले भाई के साथ मिलकर रखी थी Zerodha की नींव
2010 में निखिल और उनके भाई नितिन कामथ ने मिलकर ज़ीरोधा (Zerodha) की स्थापना की। आज ज़ीरोधा के पास एक करोड़ से अधिक ग्राहक हैं और इसने ₹2,094 करोड़ का मुनाफ़ा अर्जित किया है। इस सफलता ने निखिल कामथ को 2024 में भारत का सबसे युवा अरबपति बना दिया है, जिनकी कुल संपत्ति 3.45 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई है।
कॉल सेंटर पर 8,000 रुपए महीने ी नौकरी करते थे निखिल कामथ
निखिल कामथ की कहानी इस बात का प्रमाण है कि दृढ़ संकल्प और आत्म-निर्भरता से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक कॉल सेंटर में 8,000 रुपये प्रति माह की नौकरी से की और फिर ट्रेडिंग के क्षेत्र में कदम रखा। आज वह और उनके भाई ज़ीरोधा (Zerodha) के माध्यम से वित्तीय दुनिया में अपनी पहचान बना चुके हैं।
औपचारिक शिक्षा के बजाए अनुभव को तवज्जो देते हैं निखिल
निखिल का मानना है कि औपचारिक शिक्षा के बजाय अनुभव और वास्तविकता के सबक ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। यही कारण है कि वह और उनके भाई ज़ीरोधा में IIT और IIM जैसे संस्थानों के स्नातकों को ज्यादा प्राथमिकता नहीं देते, क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसे लोग अपनी योग्यता को लेकर ज़्यादा चिंतित रहते हैं। ज़ीरोधा की यह सफ़लता बताती है कि अगर उद्यमी में आत्मविश्वास और संघर्ष की क्षमता है, तो औपचारिक शिक्षा की कमी भी उसे सफलता की ओर बढ़ने से नहीं रोक सकती।