सार
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग( NHRC) ने झारखंड सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को उन खबरों पर नोटिस भेजा, जिनमें कहा गया था कि एक आदिवासी लड़की के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई और सिर मुंडवाने के बाद उसके गले में जूते डालकर घुमाया गया।
नई दिल्ली. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग( NHRC) ने झारखंड सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को उन खबरों पर नोटिस भेजा, जिनमें कहा गया था कि एक आदिवासी लड़की के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई और सिर मुंडवाने के बाद उसके गले में जूते डालकर घुमाया गया, जब उसने जब उसने अपने परिजनों की पसंद के व्यक्ति से शादी करने से इंकार कर दिया था। वो शादी के दिन घर से भाग गई थी। आरोप है कि पंचायत के शर्मनाक फैसले के बाद उसके माथे पर चूने का टीका लगाया गया और फिर जूतों की माला पहनाई गई।
झारखंड पलामू आदिवासी लड़की के साथ दुर्व्यवहार
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गुरुवार(18 मई) को एक बयान में कहा कि कथित घटना झारखंड के पलामू जिले में जोगिडीह ग्राम पंचायत के फरमान पर हुई। बयान में कहा गया है कि एनएचआरसी ने मीडिया की उन खबरों का स्वत: संज्ञान लिया है, जिनमें कहा गया था कि आदिवासी लड़की पर फिजिकली हमला किया गया था। लड़की ने अपने परिजनों की पसंद के व्यक्ति से शादी करने से इनकार कर दिया था। लड़की का सिर मुंडवाने के बाद उसके गले में जूते डालकर घुमाया गया।
पलामू आदिवासी लड़की प्रताड़ना केस पर एक्शन
आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की खबरें अगर सही हैं, तो ग्राम पंचायत के इशारे पर पीड़िता के मानवाधिकारों का उल्लंघन है। NHRC ने कहा-"इस तरह के एक अनैतिक और गैरकानूनी कृत्य के अपराधियों को एक सभ्य समाज में बख्शा नहीं जाने दिया जा सकता है।"
आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसमें पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR की स्थिति, पीड़ित लड़की का मेडिकल ट्रीटमेंट और मुआवजा आदि की ब्यौर हो।
पलामू केस-शादी के दिन भागी लड़की
NHRC के अधिकार पैनल ने कहा कि अधिकारियों से रिपोर्ट में पीड़ित को दिए गए मुआवजे की किस्त की स्थिति के बारे में भी डिटेल्स मांगी है, जो अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार इसके लिए पात्र है। आयोग इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी जानना चाहेगा।
16 मई को मीडिया में आई खबरों के मुताबिक 25 वर्षीय पीड़िता 19 अप्रैल को शादी के दिन घर से भाग गई थी। इससे दूल्हा और उसके परिजन खासे नाराज थे। 20 दिन बाद गांव लौटी, तो उसे सजा दिलाने के लिए पंचायत की बैठक बुलाई गई। पंचायत में डेढ़ सौ से अधिक लोग मौजूद थे। 13 मई को लड़की ने अपनी भाभी को बताया था कि वो छतरपुर इलाके में रह रही है। 13 मई को घरवाले उसे लेकर आए थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लड़की को प्रताड़ित करने और गांव में घुमाने के बाद रात में जंगल में छोड़ दिया गया था। वहां से पुलिस ने उसे अगले दिन बरामद किया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया।
कथित तौर पर उसके माता-पिता की 8 साल पहले मौत हो गई थी और वह अपने भाई के साथ रह रही है। उसकी दो बहनें हैं। आरोप है कि पीड़िता की भाभी ने उसके बाल काटे, जबकि भाई उसका मर्डर करना चाहता था।
यह भी पढ़ें