सार
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने नौजवानों को नियुक्ति पत्र दिए और प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान किया। उत्कृष्ट शिक्षा में विशिष्ट पहचान बनाने वाले विद्यालयों का अलंकरण और नेतरहाट विद्यालय की तर्ज पर तीन नए विद्यालयों का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा झारखंड मंत्रालय में आयोजित समारोह में एक बार फिर एक साथ कई सौगातें देकर शिक्षा के क्षेत्र में एक और मिसाल कायम की।
मुख्यमंत्री ने प्रतिभावान विद्यार्थियों का उत्साह और मनोबल बढ़ाया
मुख्यमंत्री ने समरोह में 76 नवनियुक्तों को नियुक्ति पत्र सौंपा। इनमे झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद में 35 लॉ एग्जीक्यूटिव, 4 एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, 21 अस्सिटेंट इंजीनियर और 10 स्कूल मैनेजर तथा झारखंड भवन नई दिल्ली तथा मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग में 6 को नियुक्ति पत्र प्रदान कर उन्हें सरकार के अभिन्न अंग के रूप में जुड़ने के लिए शुभकामनाएं दी। वहीं, नेतरहाट आवासीय विद्यालय की तर्ज पर चाईबासा के खूंटपानी, बोकारो के नवाडीह और दुमका के मसलिया में विद्यालय भवन का ऑनलाइन शिलान्यास कर झारखंड को उत्कृष्ट शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित करने का संकल्प दोहराया। समारोह उस वक्त और विशेष बन गया, जब मुख्यमंत्री ने विद्यालय प्रमाणीकरण में स्वर्ण स्थान प्राप्त करने वाले 60 विद्यालयों, जैक, सीबीएसई, आईसीएसई के वर्ष 2023 एवं वर्ष 2024 में 10 वीं तथा 12 वीं बोर्ड परीक्षा और झारखंड ओलंपियाड - 2023 के टॉपर्स को सम्मानित कर उनके हौसले, उत्साह और मनोबल को बढ़ाते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की ।
आप राज्य के सर्वांगीण विकास का पहिया बन रहे हैं
मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों से कहा कि आज से आप सरकार के एक अभिन्न अंग के रूप में जुड़ रहे हैं। राज्य के सर्वांगीण विकास का पहिया आप बन रहे है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप अपने कार्यों से राज्य को बेहतर दिशा देने में अहम भूमिका निभाएंगे।
यह पुरस्कार नहीं प्रोत्साहन राशि है
मुख्यमंत्री ने मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुए कहा कि आपको आज पुरस्कार नहीं प्रोत्साहन राशि मिल रहा है। ताकि, आप आगे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें पहले इसका दायरा काफी सीमित था। लेकिन, अब इसमें जैक के अलावा सभी अन्य सभी बोर्ड के टॉपर्स को भी शामिल कर उन्हें पुरस्कृत किया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य अपने मेधावी विद्यार्थियों की शिक्षा को नई दिशा देना है।
सिर्फ खनिज संपदा नहीं प्रतिभा के रूप में भी झारखंड की हो पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की पहचान सामान्य तौर पर अपने खनिज संसाधनों के लिए होती है। लेकिन, हम इस उद्देश्य के साथ काम कर रहे हैं कि प्रतिभा संपन्न राज्य के रूप में झारखंड की अलग पहचान बने, चाहे वह शिक्षा हो या खेल या कोई और क्षेत्र।सरकार शिक्षा के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना का दायरा बढ़ाने पर सरकार जल्द लेगी नीतिगत निर्णय
मुख्यमंत्री ने कहा कि मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत सरकार यहां के विद्यार्थियों को विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर दे रही है । अभी इस योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों की संख्या सीमित है। लेकिन, विद्यार्थियों के आग्रह को देखते हुए इस योजना का दायरा बढ़ाने पर सरकार जल्दी नीतिगत निर्णय लेगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल सके ।
इस अवसर पर मंत्री श्री रामेश्वर उरांव, मंत्री श्री बैद्यनाथ राम, मुख्य सचिव श्री एल खियांग्ते, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रभारी सचिव श्री उमा शंकर सिंह एवं झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के एसपीडी श्री शशि रंजन मौजूद थे।