सार
हेमंत सोरेन के शपथग्रहण समारोह में विपक्षी एकता की तस्वीर उभरती नजर आई। हालांकि, इंडिया ब्लॉक में राहुल गांधी और ममता बनर्जी के बीच बढ़ते तनाव ने नए राजनीतिक समीकरणों को जन्म दिया है। जो INDIA ब्लाक के बिखराव के संकेत हो सकते हैं।
रांची। झारखंड में हेमंत सोरेन के शपथग्रहण के अवसर पर विपक्षी नेताओं का बड़ा जमावड़ा देखने को मिला। यह नजारा इंडिया ब्लॉक की बैठकों जैसा था, लेकिन इस बार खास बात यह रही कि मंच पर राहुल गांधी और ममता बनर्जी एक साथ नजर आ सकते हैं। हालांकि, इन दोनों के बीच चल रहे मतभेद विपक्षी एकता को चुनौती देते दिख रहे हैं।
इस मुद्दे पर दिख रहा बिखराव
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) विपक्ष का एक मजबूत स्तंभ है और इस समारोह ने विपक्षी एकता को मजबूती देने का प्रयास किया है। लेकिन, अडानी मुद्दे पर टीएमसी और कांग्रेस के बीच बढ़ती खाई ने राजनीतिक चर्चा को गर्म कर दिया है।
अडानी मुद्दे पर ममता और राहुल आमने-सामने
राहुल गांधी ने संसद में गौतम अडानी को लेकर तीखा हमला बोला है और उनकी गिरफ्तारी की मांग तक कर दी है। वहीं, टीएमसी ने इस मुद्दे से खुद को अलग कर लिया है। डेरेक ओ'ब्रायन ने साफ कहा है कि संसद को किसी एक मुद्दे का बंधक नहीं बनाया जा सकता। टीएमसी की इस रणनीति से यह साफ हो गया है कि ममता बनर्जी, कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी राजनीति को आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं हैं। इससे पहले भी इंडिया ब्लॉक की बैठकों में ममता की नाराजगी की खबरें आई थीं।
INDIA ब्लॉक में ममता का बदलता रुख
टीएमसी के नेताओं ने मल्लिकार्जुन खड़गे की बुलाई गई विपक्षी बैठकों से दूरी बना ली है। यह रणनीति ममता बनर्जी की उस सोच को दिखाती है जिसमें वह कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठा रही हैं।
नए समीकरण की ओर बढ़ता विपक्ष
हेमंत सोरेन के शपथग्रहण के दौरान राहुल और ममता का एक साथ मंच साझा करना भले ही विपक्षी एकता का प्रतीक हो, लेकिन अंदरूनी मतभेदों ने विपक्षी राजनीति को नई चुनौतियों में डाल दिया है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि INDIA ब्लॉक इन मतभेदों को सुलझाकर एक मजबूत विपक्षी मोर्चा बना पाता है या नहीं।
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