सार

चंपई सोरेन ने बांग्लादेशी घुसपैठ पर चिंता जताते हुए हेमंत सोरेन सरकार पर निरंकुश होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि घुसपैठ से आदिवासी पहचान और सुरक्षा खतरे में है। चंपई सोरेन ने मोदी और शाह के नेतृत्व में आदिवासियों के कल्याण की तारीफ भी की।

Champai Soren on Bangladeshi infiltration: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर घेरा है। उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठ पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार पर इस मामले में निरंकुश होने का आरोप लगाया। कहा कि घुसपैठियों की वजह से आदिवासी समाज की पहचान मिट रही है और उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ रही।

चंपई सोरेन ने कहा कि हेमंत सोरेन ने राज्य में महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दों को नजरअंदाज किया है। बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से आदिवासियों की पहचान मिट रही है। आदिवासी सुरक्षा को खतरे में डालने वाली झामुमो सरकार में आदिवासियों के प्रति कोई सहानुभूमि या संवेदना नहीं है।

मोदी और शाह के नेतृत्व में आदिवासियों का हो रहा कल्याण

चंपई सोरेन ने केंद्र की मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में आदिवासियों का कल्याण हो रहा है। दोनों लोग आदिवासियों की समस्याओं का हल करने के लिए बेहद गंभीरता दिखा रहे हैं। मोदी और शाह ही आदिवासियों का कल्याण करने में सक्षम हैं।

अमित शाह से मुलाकात कर बीजेपी में शामिल होने का ऐलान

झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख नेता रहे चंपई सोरेन ने बीते दिनों अमित शाह से मुलाकात की है। इस मुलाकात में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का है। सरमा ने अपने एक्स हैंडल पर चंपई सोरेन और अमित शाह से मुलाकात का फोटो भी शेयर किया है। इसमें वह भी मौजूद हैं। असम के सीएम ने ही सार्वजनिक किया कि पूर्व सीएम चंपई सोरेन 30 अगस्त को बीजेपी ज्वाइन करेंगे।

झारखंड राज्य के लिए चलाए गए आंदोलन के प्रमुख नेता

बिहार से पृथक झारखंड बनाने के लिए 1990 के दशक में शिबू सोरेन की अगुवाई में चलाए गए आंदोलन में चंपई सोरेन भी रहे हैं। उनकी गिनती शिबू सोरेन के विश्वासपात्रों में की जाती रही है। 2000 में झारखंड राज्य बनने के बाद चंपई सोरेन राज्य सरकार के कई अहम पदों पर रहे। हेमंत सोरेन के जेल जाने के दौरान उनको मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हालांकि, हेमंत सोरेन के जेल से रिहा होने के बाद वह पद से इस्तीफा दे दिए और फिर से हेमंत सोरेन सीएम पद की शपथ ले लिए। इस मंत्रिमंडल में चंपई सोरेन मंत्री तो बनाए गए लेकिन विधानसभा चुनाव के ऐलान के पहले वह नाराज हो गए और अब बागी होने के बाद बीजेपी में शामिल हो रहे हैं।

यह भी पढ़ें:

सांसद और विधायक भी हैं रेपिस्ट? जानिए किस पार्टी में सबसे ज्यादा दागी