सार
झारखंड से तस्करी करके बेंगलुरु ले जाई गईं 11 लड़कियों को छुड़ाकर 5 मई को रांची पहुंचाया गया। पुलिस के आधिकारिक बयान में कहा गया कि विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) पहाड़िया जनजाति से संबंधित नाबालिग टार्गेट पर हैं।
रांची. झारखंड से तस्करी करके बेंगलुरु ले जाई गईं 11 लड़कियों को छुड़ाकर 5 मई को रांची पहुंचाया गया। पुलिस के आधिकारिक बयान में कहा गया कि विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) पहाड़िया जनजाति से संबंधित नाबालिग मानव तस्करों के टार्गेट पर हैं। छुड़ाई गई लड़कियों को फ्लाइट के माध्यम से रांची लाया गया।
झारखंड में मानव तस्करी- trafficked girls rescued in Bengaluru
पुलिस ने कहा कि, "पहाड़िया जनजाति की 11 लड़कियों का रेस्क्यू किया गया है। इन्हें बेंगलुरु से रांची लाया गया है। ये सभी साहिबगंज और पाकुड़ जिलों की निवासी हैं।"
पुलिस ने कहा कि कि मानव तस्करों द्वारा गरीब परिवारों के बच्चों को नौकरी के बहाने बड़े शहरों में बेचने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इस सिलसिले में राज्य सरकार द्वारा गठित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट बच्चों को छुड़ाने के लिए तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है।
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट झारखंड का एक्शन
रेस्क्यू करके लाए गए बच्चों के पुनर्वास की भी व्यवस्था की गई है। इन्हें रांची के प्रेमाश्रय बालिका गृह में रखा गया है। झारखंड स्टेट चाइल्ड प्रोटेक्शन इंस्टीट्यूट की मनरेगा कमिश्ननर-कम-डायरेक्टर-कम मेंबर सेक्रेट्री राजेश्वरी बी ने यहां इन लड़कियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि लड़कियों को इनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
बेंगलुरु में मानव तस्करी और रेस्क्यू
पुलिस की जांच में सामने आया कि पाकुड़ जिले के हिरणपुर थाना क्षेत्र की 11 लड़कियों समेत 25 लोग 7 जनवरी को बेंगलुरु गए थे। बयान में कहा गया, "जब यह पता चला कि वे नाबालिग थे, तो बेंगलुरु पुलिस ने उन्हें सीडब्ल्यूसी, बेंगलुरु को सौंप दिया। सीडब्ल्यूसी की जांच से पता चला कि वे सभी मानव तस्करी के शिकार थे और बाद में रांची के अधिकारियों से संपर्क किया गया।"
हाल ही में झारखंड से तस्करी कर लाई गई 14 वर्षीय एक गर्भवती लड़की समेत 13 नाबालिगों को दिल्ली से छुड़ाया गया था।
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