जमशेदपुर, झारखंड. किसी पिता के लिए जिंदगी में इससे बड़ा सदमा और क्या होगा कि उसकी गोद में बेटा दम तोड़ दे। पिता की आंखों में आंसू सूख चुके थे, क्योंकि उसका अब इस दुनिया और इंसानियत से भी भरोसा टूट गया था। पूछने पर सिर्फ इतना कहा,'मेरा बेटा चला गया!' सरकारी तंत्र पर सवाल खड़े करती यह दु:ख तस्वीर जमशेदपुर के MGM हॉस्पिटल की है। अपने बेटे की लाश छाती से चिपकाकर मायूस होकर हॉस्पिटल से बाहर निकलते पिता को देखकर भी किसी का दिल नहीं पसीजा। गोलपहाड़ी निवासी राजेश पात्रो के 12 वर्षीय बेटे सागर की मौत के बाद अब जरूर सरकार को शर्मिंदगी हुई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उपायुक्त को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बेशक अब सरकारी महकमे में थोड़ी-बहुत हलचल हो, लेकिन इस पिता का बेटा तो अब लौटने से रहा। अपने बेटे की मौत की खबर सुनकर मां के दिल पर क्या बीत रही होगी, यह तस्वीर इसकी बयानगी है। दरअसल, सागर के दिल में छेद था। उसके पिता ने इस आस में 7 महीने पहले आयुष्मान कार्ड बनवाया था कि उसके बेटे की जिंदगी बच जाएगी। लेकिन किसी भी हॉस्पिटल ने आयुष्मान कार्ड को स्वीकार नहीं किया।