सार
Prayagraj Mahakumbh 2025 में एक परिवार को 27 साल बाद अपना खोया हुआ रिश्तेदार मिला, जो अब एक अघोरी साधु है। क्या वो सच में वही हैं? जानिए पूरी कहानी।
MahaKumbh 2025: गंगासागर के छोटे भाई मुरली यादव ने बताया, 'हम उसे दोबारा देखने की उम्मीद छोड़ चुके थे, लेकिन कुंभ मेले में गए हमारे एक रिश्तेदार ने गंगासागर जैसे दिखने वाले एक व्यक्ति की तस्वीर खींचकर हमें भेजी। इसके बाद मैं धनवा देवी और उनके दो बेटों के साथ कुंभ मेले पहुंचा।'
प्रयागराज महाकुंभ में एक परिवार को 27 साल बाद अपना खोया रिश्तेदार मिला। परिवार अब उनसे मिलने की उम्मीद छोड़ चुका था। उन्हें लग गया था कि या तो वह इस दुनिया में नहीं है या फिर वह ऐसी जगह चला गया है, जहां से वापस लौटना संभव नहीं है। हालांकि, दिल के किसी कोने में अभी भी उससे मिलने की उम्मीद बाकी थी। मामला झारखंड के एक परिवार का है।
कुंभ मेले में मिला खोया हुआ रिश्तेदार
परिवार ने बुधवार को दावा किया कि प्रयागराज में कुंभ मेले में उन्हें अपना एक खोया हुआ रिश्तेदार मिल गया है। इसके साथ ही 27 वर्षीय रिश्तेदार की उनकी तलाश अब खत्म हो गई है। खोए हुए रिश्तेदार गंगासागर यादव अब 65 साल के हो चुके हैं। वे 'अघोरी साधु' बन चुके हैं। अब उनका नाम बाबा राजकुमार है।
1998 में हुआ लापता
उनके परिवार ने बताया कि 1998 में पटना आने के बाद गंगासागर लापता हो गए थे। उनकी पत्नी धनवा देवी ने अपने दो बेटों कमलेश और विमलेश का अकेले ही पालन-पोषण किया। गंगासागर के छोटे भाई मुरली यादव ने बताया, 'हमने उन्हें दोबारा देखने की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन कुंभ मेले में गए हमारे एक रिश्तेदार ने गंगासागर जैसे दिखने वाले एक व्यक्ति की तस्वीर खींचकर हमें भेजी। इसके बाद मैं, धनवा देवी और उनके दो बेटों के साथ कुंभ मेले में पहुंचा।'
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ऐसे हुई पहचान
मेले में पहुंचकर परिवार ने बाबा राजकुमार से बात की, लेकिन उन्होंने गंगासागर यादव के रूप में अपनी पुरानी पहचान स्वीकार करने से इनकार कर दिया। बाबा राजकुमार ने वाराणसी के एक साधु होने का दावा किया। उन्होंने और उनकी साध्वी साथी ने किसी भी तरह के पिछले संबंध से इनकार किया। हालांकि, परिवार अपने दावे पर अड़ा रहा क्योंकि बाबा राजकुमार पूरी तरह से गंगासागर यादव से मिलते-जुलते हैं, यहां तक कि उनके माथे और घुटने पर चोट के निशान भी बिल्कुल गंगासागर यादव जैसे ही हैं।
कुंभ मेला खत्म होने तक इंतजार
मुरली यादव ने कहा कि हम कुंभ मेले के खत्म होने तक इंतजार करेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो डीएनए जांच पर जोर देंगे। अगर जांच के नतीजे मेल नहीं खाते तो हम बाबा राजकुमार से माफी मांगेंगे। इस बीच, परिवार के कुछ सदस्य घर लौट आए हैं, जबकि कुछ अभी भी मेले में हैं। हम बाबा राजकुमार और साध्वी पर कड़ी नजर रख रहे हैं।
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