सार
मानव तस्करों ने एक महिला को 35 हजार रुपये में राजस्थान में बेच दिया। महिला को जब यह पता चला तो उसने फोन कर अपने पति को यह जानकारी दी। तभी से पति अपनी पत्नी को वापस पाने के लिए थाने के चक्कर लगा रहा है।
रामगढ़। मानव तस्करों ने राज्य की विलुप्त हो रही आदिम जनजाति बिरहोर परिवार की एक महिला को राजस्थान में बेच दिया। उसके बदले तस्करों को 35 हजार रुपये मिले। नौकरी की लालच में तस्करों के चंगुल में फंसी महिला को जब यह पता चला तो उसने फोन के जरिए अपने पति को यह जानकारी दी। तभी से पति अपनी पत्नी को वापस पाने के लिए थाने के चक्कर लगा रहा है। मामला मांडू ब्लाक के बड़गांव पंचायत का है।
पत्नी ने फोन कर बताया हाल
दरअसल, 40 वर्षीय रेखा बिरहोर एक साल से लापता थी। पति विनोद बिरहोर ने अपनी पत्नी को खोजने का काफी प्रयास किया पर उसे सफलता नहीं मिली। पर एकाएक बीते बुधवार को विनोद के मोबाइल पर उसकी पत्नी का फोन आया। उसने बताया कि वह राजस्थान में है और गदौली में नंदलाल जंगम पटवा के घर पर ही बंधक बनाकर रखी गयी है। उसके बाद भी रेखा ने छिप छिपकर अपने पति को फोन पर ही अपना हाल सुनाया।
पत्नी को ढूंढने पहुंच गया राजस्थान
बीते 29 जनवरी को अपनी पत्नी को ढूंढने लिए विनोद एक अन्य व्यक्ति अजीत प्रसाद के साथ राजस्थान पहुंचे। विनोद का कहना है कि उसकी पत्नी को काम दिलाने के बहाने से दीपक करमाली राजस्थान ले गया था। जहां उसे बेच दिया गया।
पत्नी को वापस पाने के लिए मांगे गए पैसे
विनोद का कहना है कि जब वह अपनी पत्नी को छुड़ाने के लिए नंदलाल के घर पहुंचे तो उनकी पत्नी से मुलाकात हुई। पत्नी भी अपने पति के साथ चलने की जिद करने लगी। पर नंदलाल को यह नागवारा गुजरा और उसने विनोद से पैसे की मांग करते हुए कहा कि जब मेरे पैसे दोगे तभी तुम्हें पत्नी को ले जाने दूंगा और उससे 35 हजार रुपयों की मांग की। उसे अपनी पत्नी से बात भी नहीं करने दिया।
थाने गया तो हुई ये बात
विनोद का कहना है कि उसके बाद वह करौली थाना गया, पर उसकी बात वहां नहीं सुनी गयी और चैनपुर चेकपोस्ट सम्पर्क करने के लिए कहा गया। पर अभी तक वह अपनी पत्नी को घर वापस नहीं ले जा सका है।
चार बच्चे कर रहे मॉं का इंतजार
रेखा और उसके पति ईंट भट्टा पर मजदूरी करते थे। एक साल पहले वह अपने बच्चों से यह कहकर घर से निकली थी कि काम करने के लिए जा रही है। तभी से बच्चे अपनी मॉं का इंतजार कर रहे हैं।