सार

झारखंड के हजारीबाग में शनिवार को एक अजब-गजब वाकया हुआ। एक 45 वर्षीय शख्स की तस्वीर पर माला चढाकर श्राद्ध कर्म किया जा रहा था। आसपास के लोग, रिश्तेदार और परिजन मौजूद थे। तभी वह शख्स खुद सामने आकर खड़ा हो गया। मौजूद लोग भूत-भूत चिल्लाकर भागने लगे।

रांची। झारखंड के हजारीबाग में शनिवार को एक अजब-गजब वाकया हुआ। एक 45 वर्षीय शख्स की तस्वीर पर माला चढाकर श्राद्ध कर्म किया जा रहा था। आसपास के लोग, रिश्तेदार और परिजन मौजूद थे। तभी वह शख्स खुद सामने आकर खड़ा हो गया। मौजूद लोग भूत-भूत चिल्लाकर भागने लगे। घंटो चली चीख पुकार के बाद मामला शांत हुआ। पता चला कि जिस शख्स का क्रिया कर्म किया जा रहा था, वह जिंदा है और श्राद्ध के दिन ही अपने घर लौटा है। परिजन प्रसन्न हो उठे।

क्या है मामला?

यह घटना हजारीबाग के चहरी थाना क्षेत्र के श्याम पट्टी गांव की है। बीते एक फरवरी को यहीं के बद्री करमाली घर से लापता हो गए थे। परिजनों की उनसे एक फरवरी की रात आठ बजे फोन पर बात हुई थी। फिर दोबारा उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया। परिजनों ने उन्हें खोजा, पर वह कहीं नहीं मिले। पुलिस ने भी छानबीन की। बीते चार फरवरी को सीसीएल एरिया के जंगल से परेज पूर्वी परियोजना के बंद पड़े खदान में क्रेशर के नीचे एक अज्ञात शव बरामद हुआ। शव की शिनाख्त नहीं हो पा रही थी। उधर ब्रदी करमाली कई दिनों से घर से लापता थे। इसलिए अज्ञात शव की पहचान ब्रदी करमाली के रूप में कर ली गयी। अज्ञात शव को बद्री करमाली समझ कर परिजनों ने अंतिम संस्कार भी किया। शनिवार को उनका श्राद्ध चल रहा था।

“मैं भूत नहीं हूं, बद्री करमाली हूं”

श्राद्ध के आयोजन में परिजन, रिश्तेदार व गांव के लोग मौजूद थे। तभी श्राद्ध के आयोजन में मौजूद लोगों को मैले कुचैले कपड़ों में कोई व्यक्ति घर की तरफ आता दिखायी दिया। जब वह शख्स नजदीक पहुंचा तो पता चला कि यह वही व्यक्ति है, जिसका श्राद्ध किया जा रहा है। यह देखते ही आसपास मौजूद लोगों में चीख पुकार मच गयी और वह लोग भूत भूत कहकर भागन लगे। यह देखकर वह शख्स भी भौचक्का रह गया। उसने चीखकर भाग रहे लोगों से कहा कि मैं भूत नहीं हूं, बद्री करमाली हूं। बहरहाल, जब लोग शांत हुए, तब बद्री करमाली ने अपनी बात बतायी।

डरा हुआ है शख्स

परिजनों का कहना है कि बद्री की मानसिक हालत ठीक नहीं है। वह डरा हुआ है और कुछ भी स्पष्ट नहीं बता पा रहा है। उसके साथ बीते दिनों में क्या हुआ, यह बात भी वह स्पष्ट तौर पर नहीं बता पा रहा है। ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल पुलिस पर खड़ा होता है कि जिस अज्ञात लाश को बद्री करमाली समझकर उनके परिवार वालों को सौंप दिया गया था, वह लाश किसकी थी। पुलिस अब इसका जवाब नहीं दे पा रही है।