Cm मोहन यादव ने 52वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी-2025 का शुभारंभ करते हुए कहा कि PM मोदी के नेतृत्व में भारत विज्ञान और योग के क्षेत्र में विश्व स्तर पर पहचान बना रहा है। प्रदर्शनी में 900 विद्यार्थियों ने 240 वैज्ञानिक मॉडल प्रस्तुत किए।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने दुनिया में एक अलग और मजबूत पहचान बनाई है। देश आधुनिक विज्ञान, तकनीक और विभिन्न क्षेत्रों में तेज गति से विकास कर रहा है। इसी वैज्ञानिक क्षमता की बदौलत भारत ने कई चुनौतियों का सामना किया और जरूरत पड़ने पर पड़ोसी देश को भी कठोर संदेश दिया। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के समय दुनिया ने भारतीय योग परंपरा को अपनाया। पतंजलि योग शास्त्र, प्राणायाम और नमस्कार की प्राचीन पद्धति को वैश्विक स्तर पर सराहा गया।
विज्ञान और नवाचार को प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे सम्राट विक्रमादित्य के समय नवरत्नों को आगे बढ़ने का अवसर मिला, वैसे ही आज प्रधानमंत्री मोदी हर क्षेत्र में प्रतिभाओं का समर्थन कर रहे हैं। मून मिशन हो या गगनयान प्रोजेक्ट, प्रधानमंत्री सफलता या असफलता, हर चरण में वैज्ञानिकों के साथ खड़े रहते हैं।
उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों में वैज्ञानिक और नवाचारी सोच विकसित करने के प्रधानमंत्री के प्रयासों में राज्य सरकार भी पूरा सहयोग कर रही है। भारतीय प्राचीन ग्रंथों में जिन छह गुणों- विद्या, तर्क, विज्ञान, स्मृति, तत्परता और क्रियाशीलता का उल्लेख है, उन्हीं गुणों के आधार पर विज्ञान की प्रगति को तेज किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में विद्यार्थियों में विक्रम साराभाई, डॉ. होमी भाभा और डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जैसी प्रतिभाओं की झलक दिखाई दे रही है।
52वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का शुभारंभ
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को श्यामला हिल्स स्थित आरआईई (क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान) में 52वीं बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी-2025 का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन कर किया। प्रदर्शनी स्थल पर पहुंचने पर बाल वैज्ञानिकों द्वारा विकसित रोबोट ने उनका स्वागत किया। उन्होंने विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया और बच्चों द्वारा बनाए गए रोबोट तथा तारामंडल मॉडल के बारे में जानकारी ली। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) और स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित यह छह दिवसीय प्रदर्शनी 23 नवंबर तक चलेगी।
भारतीय ज्ञान परंपरा और ऋषि-मुनियों का योगदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के विश्व गुरु बनने में प्राचीन ऋषि-मुनियों के ज्ञान और नवाचारों का बड़ा योगदान रहा है। ऋषि भारद्वाज के विमान शास्त्र, आर्यभट्ट के शून्य सिद्धांत, भास्कराचार्य की ग्रह गति और महर्षि पतंजलि के योगशास्त्र जैसे उदाहरण बताते हैं कि भारतीय ज्ञान परंपरा हर क्षेत्र में समृद्ध रही है।
योग की वैश्विक स्वीकृति
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने योग को संयुक्त राष्ट्र तक पहुंचाया और इसे विश्व स्तर पर सम्मान मिला। आज यूरोप, साइबेरिया, चीन, पाकिस्तान, ईरान और इराक तक योग का अभ्यास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अंगदान को प्रोत्साहित कर रही है और देहदान करने वालों को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया जा रहा है।
स्कूलों में बढ़ाई जा रही हैं ICT लैब
स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि देशभर से आए बाल वैज्ञानिक मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में शामिल हैं। राज्य सरकार विद्यार्थियों में नवाचारी सोच विकसित करने के लिए स्कूलों में ICT लैब की संख्या बढ़ा रही है। जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने भी बाल वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दीं।
900 विद्यार्थियों के 240 विज्ञान मॉडल प्रदर्शित
इस प्रदर्शनी में 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लगभग 900 विद्यार्थी और शिक्षक शामिल हैं। यहां 240 विज्ञान मॉडल और इनोवेटिव प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए गए हैं, जिनमें सामाजिक समस्याओं के समाधान प्रदर्शित किए गए हैं। MGM, IISER और MANIT के वैज्ञानिक बच्चों से संवाद करेंगे।
प्रदर्शनी का उद्देश्य बच्चों में जिज्ञासा, रचनात्मकता और विज्ञान-गणित की समझ को बढ़ाना है। इस वर्ष की मुख्य थीम है- "सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी"। 230 विद्यालयों के बाल वैज्ञानिकों ने खाद्य-स्वास्थ्य, स्वच्छता, परिवहन, प्राकृतिक खेती, आपदा प्रबंधन, गणितीय मॉडलिंग, अपशिष्ट प्रबंधन और संसाधन प्रबंधन जैसे विषयों पर स्टॉल लगाए हैं।


