Adi Sewa Parv 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धार से आदि सेवा पर्व का शुभारंभ करेंगे। यह पर्व 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, आजीविका और ट्राईबल विलेज विज़न 2030 पर जोर दिया जाएगा।

जनजातीय गौरव और राष्ट्र निर्माण का नया अध्याय इस बार गांधी जयंती तक चलेगा। 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक प्रदेश में “आदि सेवा पर्व” का आयोजन होगा, जिसमें सेवा और संकल्प का संगम देखने को मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी धार जिले के भैसोला में इस अभियान का शुभारंभ करेंगे।

सेवा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनेगा “आदि सेवा पर्व”

आदि सेवा पर्व के दौरान जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, कौशल विकास, आजीविका संवर्धन, स्वच्छता, जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण जैसी सेवात्मक गतिविधियाँ होंगी। हर गतिविधि का केन्द्रबिंदु होगा सेवा का भाव और आत्मनिर्भर भारत का संकल्प।

कर्मयोगी अभियान से तैयार होंगे लाखों ‘चेंज लीडर्स’

आदि कर्मयोगी अभियान के तहत मध्यप्रदेश में मास्टर ट्रेनर्स की बड़ी श्रृंखला तैयार की गई है। ब्लॉक और जिला स्तर तक 3 लाख से अधिक “आदि कर्मयोगी” तैयार करने का लक्ष्य है, जिनमें शिक्षक, डॉक्टर, युवा नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, स्वयंसेवक और महिलाएं शामिल हैं।

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ट्राईबल विलेज विज़न-2030 से बनेगा विकास का दीर्घकालिक खाका

इस अभियान के अंतर्गत “ट्राईबल विलेज एक्शन प्लान एवं ट्राईबल विलेज विज़न 2030” पर विशेष जोर दिया जा रहा है। प्रत्येक गाँव के लिए विकास का दीर्घकालिक रोडमैप तैयार होगा और 2 अक्टूबर 2025 को ग्राम सभा में इसे अनुमोदन मिलेगा।

आदि सेवा केन्द्रों से मिलेगा सेवा और शिकायत निवारण का समाधान

ग्राम स्तर पर “आदि सेवा केन्द्र” स्थापित किए जाएंगे, जिनके माध्यम से सेवा वितरण और शिकायत निवारण को समयबद्ध किया जाएगा। दीवार-लेखन, ग्राम अपेक्षाओं का प्रदर्शन, ग्राम विकास योजना का निर्माण और उसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।

राष्ट्रीय स्तर पर ऐतिहासिक पहल है आदि कर्मयोगी अभियान

भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया यह अभियान जनजातीय समुदायों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक पहल है। इसका उद्देश्य योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना और ग्राम स्तर पर नेतृत्व क्षमता विकसित करना है।

इस अभियान से जनजातीय समाज में आत्मविश्वास बढ़ेगा, योजनाओं की पहुंच गहरी होगी और विभागों के बीच तालमेल मजबूत होगा। दीर्घकाल में यह पहल गरीबी उन्मूलन, बालिका शिक्षा में सुधार, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी और सतत् आजीविका के साधनों में वृद्धि सुनिश्चित करेगी।

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