आयुर्वेद दिवस 2025 के मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा- 'निरोगी काया ही सच्चा सुख।' 12 नए आयुष अस्पताल, 3 नए कॉलेज और कैंसर रोगियों के लिए नई योजनाएँ।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में “आरोग्यं परमं भाग्यं” की मान्यता है। पूर्वजों ने सात सुख बताए थे, जिनमें पहला सुख है – निरोगी काया। उन्होंने कहा कि योग और आयुर्वेद जैसे विज्ञान भारत की धरोहर हैं। इनका मूल सिद्धांत यह है कि बीमारी से पहले ही स्वास्थ्य की रक्षा की जाए। आयुर्वेद का पालन करके ही हम “आयुष्मान भव” का आशीर्वाद पा सकते हैं।
आयुष और पर्यटन विभाग में एमओयू, वेलनेस को मिलेगा बढ़ावा
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में कार्यक्रम हुआ। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।
- आयुष और पर्यटन विभाग के बीच वेलनेस को बढ़ावा देने के लिए समझौता हुआ।
- 55 जिलों में आयुष जनस्वास्थ्य कार्यक्रम की नई इकाइयाँ शुरू होंगी।
- कैंसर रोगियों के लिए “कारुण्य” कार्यक्रम लॉन्च किया गया।
- औषधीय पौधों के लिए हेल्पलाइन शुरू हुई।
- मासिक पत्रिका मध्य हर्बल दर्पण का विमोचन किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आयुर्वेद में अटूट विश्वास
डॉ. यादव ने कहा कि उनकी दिनचर्या और आयुर्वेद पर विश्वास के कारण वे हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से दूर हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से योग और आयुर्वेद की मान्यता पूरी दुनिया में बढ़ी है। आज 150 से ज्यादा देश आयुर्वेद अपना रहे हैं। इस वर्ष की थीम रही – “Ayurveda for People and Planet” यानी आयुर्वेद सिर्फ इंसानों के लिए नहीं बल्कि पूरी पृथ्वी के लिए है।
आयुष महाविद्यालयों में नए कोर्स और पद
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बड़े ऐलान किए:
- सभी आयुष महाविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित होंगे।
- नए शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पद सृजित होंगे।
- आयुष चिकित्सकों को स्वास्थ्य विभाग के समान वेतनमान मिलेगा।
- 1453 आयुष, 228 होम्योपैथी और 85 यूनानी चिकित्सकों को लाभ होगा।
- 300 अधिकारियों को 3 अग्रिम वेतन सुविधा दी जाएगी।
- यूनानी कॉलेजों में अब हिंदी भाषा में भी पढ़ाई होगी।
नई आयुष सेवाएँ और अस्पताल
- आयुर्वेदिक दवाएं GST सुधार के बाद और सस्ती होंगी।
- प्रदेश में 12 नए आयुष अस्पतालों की सौगात मिली।
- उज्जैन और खजुराहो में 50-50 बिस्तरों वाले आयुष वेलनेस अस्पताल बनेंगे।
- पचमढ़ी, मंदसौर, चित्रकूट और अन्य जिलों में 10-10 बिस्तरों वाले छोटे अस्पताल शुरू होंगे।
- औषधीय खेती के लिए नया टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू किया गया।
आयुर्वेद महाविद्यालयों का विस्तार और नई पढ़ाई
- झाबुआ, शुजालपुर और डिण्डौरी में 3 नए आयुर्वेद कॉलेज खुलेंगे।
- 3 कॉलेजों में नई फार्मेसी बिल्डिंग और खंडवा में 50 बिस्तरों का अस्पताल बनेगा।
- भोपाल, जबलपुर और उज्जैन में बी.एस.सी. नर्सिंग कोर्स शुरू होगा।
आयुष सेवाओं का बढ़ता दायरा
- पिछले साल 1.5 करोड़ से अधिक लोगों को आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सेवाएँ मिलीं।
- सुप्रजा, आयुर्विद्धा, वयोमित्र और संधिगत रोग रोकथाम जैसे कार्यक्रमों से 1.93 लाख लोग लाभान्वित हुए।
- सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन के लिए विशेष अभियान चल रहा है।
- 800 आयुष औषधालयों को “आयुष्मान आरोग्य मंदिर” के रूप में विकसित किया गया।
- देवारण्य योजना के तहत आदिवासी क्षेत्रों में औषधीय खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- पिछले एक वर्ष में 595 आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति हुई।
आयुर्वेदिक ज्ञान का दस्तावेजीकरण
आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि आयुर्वेद और योग भारतीय जीवनशैली का हिस्सा हैं। भोपाल के खुशीलाल आयुर्वेदिक कॉलेज को पर्यटन से जोड़ा गया है। आगे अन्य कॉलेजों को भी वेलनेस टूरिज्म से जोड़ा जाएगा। पारंपरिक आयुर्वेदिक ज्ञान का दस्तावेजीकरण शुरू किया जा रहा है। आयुष विभाग की योजना है कि होम्योपैथिक कॉलेज भी स्थापित किए जाएँ।
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