BEML Rail Coach Factory Bhopal: भोपाल-रायसेन बॉर्डर पर 1800 करोड़ की लागत से BEML Rail Coach Manufacturing Hub की शुरुआत, जिसमें वंदे भारत और मेट्रो कोच बनेंगे। Make In India और आत्मनिर्भर भारत मिशन को मिलेगा बड़ा बढ़ावा, 5000+ रोजगार के अवसर।
BEML Rail Coach Factory Bhopal: मध्यप्रदेश को औद्योगिक विकास की दिशा में बड़ी सौगात मिलने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने बताया कि पीएम मोदी की पहल पर BEML (भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड) रेल कोच मैन्यूफैक्चरिंग हब की सौगात भोपाल को मिली है। इस ‘ब्रह्मा परियोजना’ का भूमि पूजन 10 अगस्त को औबेदुल्लागंज के दशहरा मैदान में होगा।
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने बताया कि कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, रेलवे बोर्ड अध्यक्ष सतीश कुमार और BEML चेयरमैन शांतनु राय मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम में 3D वॉकथ्रू, प्रोजेक्ट मॉडल और डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई जाएगी।
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1800 करोड़ का मेगा प्रोजेक्ट: रोजगार और विकास की रफ्तार
रायसेन जिले के उमरिया गांव में 60 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर बनने वाली यह फैक्ट्री लगभग 1800 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगी। इस प्रोजेक्ट की वजह से 5000+ रोजगार के अवसर (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) पैदा होंगे। इस परियोजना से भोपाल, रायसेन, सीहोर और विदिशा जिले लाभान्वित होंगे। इससे नजदीकी औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप को भी बड़ा फायदा मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने बताया कि यह परियोजना मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की मिसाल है। यह रेल कोच फैक्ट्री पूरी तरह Make In India और Atmanirbhar Bharat विज़न के तहत काम करेगी। इस फैक्ट्री में वंदे भारत, अमृत भारत और मेट्रो कोच का उत्पादन होगा। पहले चरण में यहां 200 रेल कोच हर साल बनेगा लेकिन अगले पांच साल में यह संख्या 1100 कोच प्रति वर्ष हो जाएगी।
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Green Factory का मॉडल
परियोजना में पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा जाएगा। यह ग्रीन फैक्ट्री मॉडल पर आधारित होगा। यहां जीरो लिक्विड वेस्ट सिस्टम होगा। सौर उर्जा या अन्य रिन्यूवल एनर्जी सोर्स का उपयोग यहां किया जाएगा। इस फैक्ट्री में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग और ग्रीन लैंडस्केपिंग का अनूठा नजारा देखने को मिलेगा। प्रोजेक्ट में टिकाऊ और रिसाइकल्ड मटेरियल का उपयोग किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह परियोजना सिर्फ भोपाल ही नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश की औद्योगिक पहचान बदल देगी। पीएम के नेतृत्व में औद्योगिक विकास की नई इबारत लिखी जाएगी।
