सार
पुलिस को एक युवक को बेवजह थाने ले जाना और उसके खिलाफ शांतिभंग का केस दर्ज कर पीटना भारी पड़ गया। युवक की शिकायत पर आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसकी जांच भी आरपीएस अधिकारी कर रहे हैं
जयपुर। राजधानी जयपुर से बड़ी खबर सामने आई है। पुलिस की दादागिरी पुलिस पर ही भारी पड़ गई है। पुलिस वालों के खिलाफ अपने ही थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस कर्मियों पर एक या दो नहीं पूरी 7 अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। नामजद पुलिसवालों पर दर्ज केस की जांच आरपीएस स्तर के पुलिस अधिकारी कर रहे हैं।
पुलिस जीप में डालकर उठा ले गई
मामला हैरान करने वाला है। सदर थाना इलाके में रहने वाले रमेश नाम के एक व्यक्ति के घर पुलिस टीम पहुंची थी। रमेश पर किसी अपराध का आरोप था और उसे पूछताछ के लिए थाने ले जाना था। रमेश के घर जब पुलिस पहुंची और थाने चलने को बोलने लगी तो रमेश ने कारण पूछा। रमेश ने वारंट या दस्तावेज के बारे में पुलिस से पूछा तो पुलिसवालों को गुस्सा आ गया। उन्होंने रमेश को जबरन जीप में डाला और थाने ले गए।
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पुलिस पर बेवजह टॉर्चर करने का आरोप
रमेश ने थाने में उसके साथ मारपीट करने का आरोप भी लगाया गया है। रमेश का आरोप है कि पुलिस ने उसे बिना किसी कारण के टॉर्चर किया। उस पर किसी तरह का कोई अपराध नहीं बनता था। जब पुलिस को कुछ नहीं मिला तो सबसे सामान्य धारा यानि शांति भंग की धाराओं में गिरफ्तारी दिखा दी और तय समय के बाद छोड़ दिया। लेकिन घर से उसे जबरन ले जाने और मारपीट पर उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा खराब हुई। रमेश ने पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया और बाद में अब मुकदमा दर्ज कराया है।
आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज
सदर पुलिस ने बताया कि रमेश कुमार की ओर से दर्ज मुकदमें में आईपीसी की धारा 500 , 323, 342 समेत आठ धाराओं में केस दर्ज किया गया है। सदर पुलिस ने बताया कि इंस्पेक्टर राजेन्द्र सिंह, सब इंस्पेक्टर महेन्द्र सिंह, कांस्टेबल हनुमान, कांस्टेबल महेंन्द्र सिंह, कांस्टेबल दीपेन्द्र सिंह, कांस्टेबल नाथूलाल समेत एक अन्य पुलिसकर्मी पर केस दर्ज कराया गया है। मामले की जांच आरपीएस अधिकारी जयसिंह को दी गई है।