सार
लोग अपनों की यादों को सहेजने के लिए क्या कुछ नहीं करते। शाहजहां ने मुमताज की याद में आगरा में ताजमहल खड़ा करवा दिया। छतरपुर के डॉ. बीपी चांसौरिया ने अपनी पत्नी की याद में ताजमहल तो नहीं, लेकिन एक भव्य मंदिर जरूर बनवा दिया है।
छतरपुर. लोग अपनों की यादों को सहेजने के लिए क्या कुछ नहीं करते। शाहजहां ने मुमताज की याद में आगरा में ताजमहल खड़ा करवा दिया। छतरपुर के डॉ. बीपी चांसौरिया ने अपनी पत्नी की याद में ताजमहल तो नहीं, लेकिन एक भव्य मंदिर जरूर बनवा दिया है। यह मंदिर सतना से सटे चित्रकूट में तैयार करवाया गया है। यह मंदिर इस समय मीडिया और सोशल मीडिया की चर्चा में बना हुआ है। मंदिर में इस समय धार्मिक आयोजन हो रहे हैं।
पत्नी प्रेम और चित्रकूट का अनूठा मंदिर
डॉ बीपी चांसौरिया मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के रहने वाले हैं। उनके द्वारा अपनी पत्नी स्वर्गीय वंदना की याद में चित्रकूट में बनवाया राधा-कृष्ण का मंदिर चर्चा का विषय बना हुआ है। इसे राजस्थान के कलाकारों ने भव्य रूप दिया है। इस मंदिर को देखने लोग पहुंच रहे हैं।
डॉ. बीपी चांसौरिया ने कहा-मेरी पत्नी का विचार था कि चित्रकूट में एक राधा-कृष्ण का मंदिर बनाया जाए। उसी समय उनका देहांत हो गया। उन्ही की प्रतीक के रूप में मैंने राधा-कृष्ण का मंदिर बनाने का 13 मई 2017 को संकल्प लिया था। मैंने अपनी 32 साल की पूरी तनख्वाह इसमें लगा दी है। इसमें अनुमानित 1.5 करोड़ की लागत आई है।
पत्नी की याद में चित्रकूट में बने मंदिर की दिलचस्प कहानी
छतरपुर के एक्सीलेंस स्कूल में पदस्थ बीपी चांसौरिया की पत्नी का 30 नवंबर 2016 को निधन हो गया था। चांसोरिया के अनुसार, मंदिर का भूमि पूजन 13 मई 2017 को नरसिंह धाम मंदिर परिसर में किया गया था। अब मंदिर में रखी मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा होगी।
मंदिर में 23 मई से 27 मई तक वृंदावन के कलाकारों द्वारा रासलीला का आयोजन हो रहा है। 25 मई से 29 मई तक प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ पंडित गंगाधर पाठक आचार्य कराएंगे। ये वही पंडित हैं, जिन्होंने अयोध्या रामजन्मभूमि के मंदिर का पीएम नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में शिलान्यास करवाया था।
मंदिर में प्रतिष्ठित होने जा रहीं मूर्तियों का 28 मई का भव्य नगर भ्रमण होगा। यह चल समारोह नरसिंह मंदिर से छत्रसाल चौराहा होते हुए बस स्टैंड चौक बाजार महल रोड होते हुए पुनः नरसिंह मंदिर परिसर तक आएगा।
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