Chhindwara News : मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप के पीने से जिले में 9 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस घटना से पूरे प्रदेश में हड़कं मच गया है। कलेक्टर से लेकर सीएम तक मामले पर नजर बनाए हुए हैं।.
Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश में सरकारी अस्पताल की फ्री दवा योजना के तहत मिलने वाली खांसी सिरप पर विवाद बड़ता जा रहा है । बच्चों में किडनी फेलियर से हो रही मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 30 दिनों में यह आंकड़ा बढ़कर 9 तक पहुंच गया है। वहीं कई बच्चे भी सीरिसस अस्पताल में एडमिट हैं। बताया जा रहा है कि मौत का यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। इस घटना के बाद एमपी के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में सबसे बड़ी त्रासदी
दरअसल, बुधवार को इलाज के दौरान नागपुर में एक बच्चे की मौत हो गई, जिसके बाद बच्चों की सिरप की वजह से मरने वाले मासूमों की संख्या 9 हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में अब तक 9 बच्चों की मौत कफ सिरप के कारण हुई है। ये खबर पूरे क्षेत्र में चिंता का विषय बनी हुई है। पूरे इलाके में मातम का माहौल है। माता-पिता के दिलों में खौफ और डर है, कहीं उनके बच्चे की भी जान नहीं चली जाए।
छिंदवाड़ा में 4 सितंबर को हुई थी पहली मौत
बता दें कि यह मामला सबसे पहले छिंदवाड़ा जिले में किडनी फेलियर से बच्चों की मौत का सिलसिला 4 सितंबर को पहली मौत के साथ शुरू हुआ था और एक महीने के भीतर यह 9 पर पहुंच गया। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। वहीं इस मामले में परासिया एसडीएम सौरभ कुमार यादव ने कहा प्रशासन अब तक 1,400 बच्चों की स्क्रीनिंग कर चुकी है। बच्चों की बीमारी की जड़ का पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग की जा रही है।
छिंदवाड़ा के कलेक्टर इस त्रासदी पर क्या बोले
वहीं छिंदवाड़ा के कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह का कहना है कि जांच करा रहे हैं कि बच्चों को उनके अभिभावकों ने किससे दवा दिलाई थी। फिलहाल किडनी संक्रमण की वजह पता करने के लिए पानी की भी जांच कराई जा रही है। अगर किसी झोलाछाप से दवा लेकर बच्चों को खिलाई होगी तो उस डॉक्टर पर कार्रवाई होगी।
