सार
सीधी. मंगलवार को मध्यप्रदेश के सीधी जिले के रहने वाले इंजीनियर अनिल शुक्ला का सोन नदी के किनारे खैराघाट पर अंतिम संस्कार किया गया। बेटे ओम शुक्ला ने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे थे। हर किसी ने नम आंखों से उनको विदाई दी। बता दें कि उनकी मौत जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के दौरान हुई थी।
जम्मू-कश्मीर में सुरंग बनवा रहे थे अनिल शुक्ला
दरअसल, अनिल शुक्ला जेपी फैक्ट्री में सिविल इंजीनियर थे और इन दिनों वह जम्मू-कश्मीर में सुरंग बनवाने का काम करा रहे थे। 20 अक्टूबर रविवार देर रात आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें शुक्ला समेत 7 लोगों की मौत हो गई। आतंकियों ने यह हमला गैर-स्थानीय लोगों पर था। बता दें कि इस हमले को लेकर हमले को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने दो टूक कहा था कि जिसने भी यह घिनौने काम कया है उन लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं जम्मू- कश्मीर सरकार ने भी मामले कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
इंजीनियर अनिल शुक्ला के परिवार में कौन-कौन
बता दें कि अनिल मध्यप्रदेश के सीधी जिले के रहने वाले थे। उनके परिवार में उनका एक बेटा और एक बेटी है। बेटा 11वीं और बेटी बीएससी सेकंड ईयर में पढ़ती है। वहीं अनिल के पिता विश्वनाथ शुक्ला छत्तीसगढ़ कोरिया स्थित कोल माइंस में नौकरी करते थे। कई सालों तक उनका परिवार वहीं रहा है। अनिल ने भी स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई कोरिया से की थी।
शव पहुंचा तो पत्नी और बेटी लिपटकर बिलख पड़ीं
पत्नी ममता शुक्ला और बेटी आकांक्षा का रो-रोकर बुरा हाल है। जैसे ही उनका शव गांव पहुंचा तो पत्नी और बेटी लिपटकर बिलख पड़ीं। दोनों बार-बार बेहोश हो रही थीं। वहीं अनिल के बुजुर्ग पिता रोते हुए बोले-मुझसा अभागा पिता कौन होगा। यह दृश्य देख हर आंख में आंसू आ गए। अनिल के परिवार और गांव के लोगों कहना है कि वे भी देश के लिए ही काम कर रहे थे, इसलिए अनिल शुक्ला को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए और परिवार के किसी सदस्य को सरकार नौकरी भी दे।