मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रांतीय युवा चिंतन शिविर में कहा कि गायत्री परिवार भारतीय संस्कृति, संस्कार और सेवा का प्रतीक है। राज्य सरकार ने श्रीराम-श्रीकृष्ण के जीवन प्रसंग पाठ्यक्रम में जोड़े हैं और वैदिक परंपरा को बढ़ावा दिया जा रहा है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का दिल है। जिस तरह हृदय शरीर में रक्त को शुद्ध कर ऊर्जा देता है, उसी तरह गायत्री परिवार समाज, संस्कृति और संस्कारों को मजबूत बनाकर नई ऊर्जा का संचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रांतीय युवा चिंतन शिविर के माध्यम से आत्म निर्माण, राष्ट्र निर्माण और युग निर्माण का कार्य हो रहा है, और यह सब देश के दिल – मध्यप्रदेश से संचालित होना गर्व की बात है।
मुख्यमंत्री सोमवार को शारदा विहार विद्यालय में आयोजित अखिल विश्व गायत्री परिवार के तीन दिवसीय प्रांतीय युवा चिंतन शिविर के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
युवाओं को वैचारिक दिशा देने वाले महान राष्ट्रनायक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश को राजनीतिक आज़ादी 1947 में मिली, लेकिन वैचारिक आज़ादी के लिए युवाओं को दृष्टि देने का कार्य डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना कर किया। उन्होंने बताया कि संघ का यह शताब्दी वर्ष है। पंडित मदन मोहन मालवीय, बाल गंगाधर तिलक और नेताजी सुभाषचंद्र बोस जैसे महान नेताओं ने भी युवाओं को दिशा देकर राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान दिया।
राज्य सरकार ने शिक्षा में जोड़े श्रीराम और श्रीकृष्ण के जीवन प्रसंग
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बदलते समय में भारतीय संस्कृति अनेक चुनौतियों का सामना कर रही है, लेकिन गायत्री परिवार भारत और विश्व में “अखंड ज्योति” के रूप में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार “सर्वे भवन्तु सुखिनः” की भावना से प्रेरित होकर शिक्षा, स्वास्थ्य, नारी उत्थान, पर्यावरण संरक्षण, ग्राम विकास और नशा मुक्ति के क्षेत्र में सेवा कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लागू नई शिक्षा नीति 2020 में भारतीय संस्कृति और सनातन मूल्यों को समृद्ध करने वाले विषय शामिल किए गए हैं। राज्य सरकार ने भी भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के प्रेरक जीवन प्रसंगों को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल किया है।
संस्कारों को सरल और जनसुलभ बनाने में गायत्री परिवार की भूमिका
मुख्यमंत्री ने कहा कि गायत्री परिवार ने विवाह सहित सभी संस्कारों को सरल और समझने योग्य भाषा में प्रस्तुत किया, जिससे आमजन को संस्कारों का महत्व समझने में सहायता मिली। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने वैदिक पद्धति से काल गणना के लिए वैदिक घड़ी तैयार की है और भारतीय ज्ञान परंपरा के अन्य विषयों पर भी काम जारी है।
'हम बदलेंगे, युग बदलेगा' गायत्री परिवार का जीवन दर्शन
गायत्री परिवार के डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा कि गायत्री परिवार कोई संस्था नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है। पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने गायत्री मंत्र को केवल जप नहीं बल्कि जीवन की दिशा बनाया। उन्होंने कहा कि युग परिवर्तन व्यक्ति के भीतर से शुरू होता है- जब व्यक्ति बदलता है, तो परिवार बदलता है; परिवार बदलता है तो समाज और समाज बदलता है तो राष्ट्र भी बदलता है। यही “हम बदलेंगे, युग बदलेगा” का मूल भाव है। माताजी भगवती देवी शर्मा ने इस विचारधारा को मातृत्व का स्वर और सेवा को साधना का रूप दिया।
युवा चिंतन शिविर का उद्देश्य: विकसित भारत 2050 का खाका
डॉ. चिन्मय पंड्या ने बताया कि यह शिविर आध्यात्मिक, नैतिक और सामाजिक मूल्यों पर आधारित विकसित भारत 2050 की परिकल्पना को साकार करने के लिए आयोजित किया गया है। शिविर के चार प्रमुख लक्ष्य हैं- स्वस्थ युवा-सशक्त राष्ट्र, शालीन युवा-श्रेष्ठ राष्ट्र, स्वावलंबी युवा-संपन्न राष्ट्र और सेवाभावी युवा-सुखी राष्ट्र। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रामकृष्ण कुसमारिया सहित बड़ी संख्या में गायत्री परिवार के सदस्य और युवा उपस्थित थे।
