मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में प्रदेश की दूसरी अत्याधुनिक खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का शुभारंभ किया। अब सालाना 20 हजार सैंपल की जांच होगी। सरकार जल्द जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में भी नई लैब शुरू करेगी।

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के नागरिकों का स्वास्थ्य हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इंदौर सिर्फ स्वच्छता और स्वाद की नहीं, बल्कि सुशासन और सेवा की धरती है। लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर ने हमें सिखाया कि शासन का अर्थ जनकल्याण, न्याय और संवेदना है।

इंदौर में आधुनिक खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का लोकार्पण

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इंदौर जिले के सांवेर विधानसभा क्षेत्र के लसुड़िया मोरी में नवनिर्मित खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि यह प्रयोगशाला केवल एक भवन नहीं, बल्कि जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह “जनता का स्वाद, जनता का स्वास्थ्य और जनता की सुरक्षा” के सिद्धांत पर आधारित है।

शुद्धता और स्वच्छता अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी

मुख्यमंत्री ने कहा कि भोजन चाहे कितना भी स्वादिष्ट हो, अगर उसमें शुद्धता और स्वच्छता न हो, तो वह बीमारी का कारण बनता है। नई लैब की शुरुआत से नागरिकों को फूड और ड्रग टेस्टिंग की तेज, सटीक और भरोसेमंद सेवाएं मिलेंगी।

प्रदेश में बढ़ेगी जांच क्षमता- 20 हजार सैंपल प्रतिवर्ष का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहले केवल भोपाल में एक ही लैब थी, जिसकी जांच क्षमता सालाना 6 हजार सैंपल की थी। अब इंदौर में नई अत्याधुनिक लैब शुरू होने से जांच क्षमता 20 हजार सैंपल प्रति वर्ष तक बढ़ जाएगी। इंदौर लैब खुलने से पूरे मालवांचल के नागरिकों को लाभ मिलेगा।

मिलावटखोरों को चेतावनी- सरकार करेगी सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खाद्य सामग्री और दवाओं में मिलावट करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार अच्छा काम करने वालों को प्रोत्साहित करेगी और नागरिकों के जान-माल की सुरक्षा करेगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने हाल ही में 18 नई नीतियां लागू कर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को कई प्रकार की छूट दी हैं।

जल्द शुरू होगी जबलपुर और ग्वालियर की नई प्रयोगशालाएं

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अगले तीन माह में जबलपुर में खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला शुरू की जाएगी। इसके बाद ग्वालियर और उज्जैन में भी लैब स्थापित की जाएंगी। सरकार मोबाइल लैब्स शुरू करने की दिशा में भी काम कर रही है, जिनमें माइक्रोबायोलॉजिकल जांच की सुविधा होगी।

8 करोड़ की लागत से बनी पांच मंजिला अत्याधुनिक लैब

मुख्यमंत्री ने बताया कि यह प्रयोगशाला 3700 वर्ग फीट क्षेत्र में बनी पांच मंजिला आधुनिक बिल्डिंग है, जिसकी लागत 8 करोड़ रुपये से अधिक है। यह लैब पूरे संभाग की सेहत की निगरानी करेगी और खाने-पीने की चीजों एवं दवाओं की जांच नवीनतम मशीनों से की जाएगी ताकि सटीक रिपोर्ट प्राप्त हो सके।

जनकल्याण और विकास की नई दिशा

नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश विकास की नई इबारत लिख रहा है। मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि नागरिकों को शुद्ध वस्तुएं उपलब्ध कराना सरकार का संकल्प है।

लोक स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई योजनाओं को जमीन पर उतारने की गारंटी हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में भी ऐसी प्रयोगशालाएं शुरू की जाएंगी। सिंहस्थ-2028 के लिए उज्जैन की लैब राष्ट्रीय स्तर की होगी।