मध्यप्रदेश में शिक्षा सुविधाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है। ड्रॉपआउट रेट 21.4% से घटकर 16.8% रह गया है। CM डॉ. मोहन यादव ने योजनाओं, छात्रावास सुविधाओं, पाठ्यपुस्तक वितरण, व्यावसायिक शिक्षा और परीक्षा परिणामों की समीक्षा कर सुधार के निर्देश दिए।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में लगातार सुधार और सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं। पिछले दो वर्षों में प्रदेश का ड्रॉपआउट रेट 21.4% से घटकर 16.8% हो गया है। उन्होंने निर्देश दिया कि इसे और कम करने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएं और प्रोत्साहन योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक विद्यार्थियों तक पहुंचे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप परीक्षाओं का संचालन
पिछले दो वर्षों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी की परीक्षाएं समय पर आयोजित की गईं और समय सीमा के भीतर ही परिणाम घोषित किए गए। मुख्यमंत्री ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत व्यावसायिक शिक्षा को और व्यापक बनाने पर जोर दिया जाए।
स्कूल शिक्षा विभाग की गतिविधियों की समीक्षा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विधानसभा समिति कक्ष में स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों ने उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम दिए हैं, उनके प्राचार्यों को भी सम्मानित और प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने 'भवन एक-कक्षाएं अनेक' की तर्ज पर सुझाव दिया कि एक ही विद्यालय भवन में खाली समय के दौरान महाविद्यालय की कक्षाएं भी संचालित करने का विकल्प तैयार किया जाए।
योजनाओं और सुविधाओं की प्रगति
बैठक में कई योजनाओं की समीक्षा की गई, जिनमें प्रमुख हैं:
- नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण
- स्कूटी वितरण योजना
- साइकिल वितरण योजना
इसके अलावा:
- बालिकाओं को सेनिटेशन और हाइजीन किट के रूप में प्रति छात्रा 300 रुपये डीबीटी द्वारा दिए गए।
- छात्रावासों में वाशिंग मशीन, रोटी मेकर, मैट्रेस जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।
- प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान के तहत 210 छात्रावास स्वीकृत हुए हैं।
- शालाओं का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है।
- सांदीपनि और पीएम श्री विद्यालयों के माध्यम से विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
बेहतर परीक्षा परिणाम और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
वर्ष 2024–25 के पहले परीक्षा परिणामों में-
- कक्षा 10वीं: 74%
- कक्षा 12वीं: 76%
- प्रथम और द्वितीय परीक्षाओं का औसत परिणाम क्रमशः 87% और 82% रहा।
शासकीय विद्यालयों में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या में भी रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रमुख निर्देश
- किताबों का वितरण हर स्तर पर समय से पूरा किया जाए।
- साइकिल निर्माण इकाई स्थापित करने की योजना बनाई जाए।
- नवोदय विद्यालय की तर्ज पर सांदीपनि आश्रम विद्यालय बनाए जाएं।
- व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाए।
- विद्यालयों में कृषि शिक्षा भी शामिल की जाए।
- विद्यार्थियों को उनकी रुचि के अनुसार कौशल प्रशिक्षण दिया जाए।
- उत्कृष्ट परिणाम देने वाले शिक्षकों को राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाए।
- विद्यालय पहुंच मार्ग की दिक्कतें अन्य विभागों के साथ समन्वय से दूर की जाएं।
- दूरस्थ क्षेत्रों में निजी स्कूल खोलने हेतु निजी निवेश को प्रोत्साहन मिले।
- शिक्षा विभाग के पोर्टल व ऐप को बेहतर बनाया जाए ताकि शिक्षकों की परेशानियां कम हों।


