मध्यप्रदेश में ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने पर एक वर्ष लंबा जन-उत्सव मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में यह आयोजन चार चरणों में होगा, जिसमें राष्ट्रगीत का सामूहिक गायन, जन-भागीदारी और स्वदेशी संकल्प शामिल रहेंगे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने का ऐतिहासिक अवसर मध्यप्रदेश में एक वर्षभर चलने वाले जन-उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने बताया कि यह आयोजन 7 नवंबर 2025 से 7 नवंबर 2026 तक चलेगा। भारत सरकार के निर्णय के अनुरूप, यह उत्सव राष्ट्रगीत के इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका और भारतीय संस्कृति में इसके महत्व को प्रदर्शित करेगा।
‘वंदे मातरम’: राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक
राज्यमंत्री लोधी ने कहा कि “‘वंदे मातरम’ केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है जिसने स्वाधीनता की भावना को जीवित किया। यह गीत हमारे अमर स्वतंत्रता सेनानियों का जयघोष रहा है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक वर्षगांठ को मनाने से नई पीढ़ी को राष्ट्रभक्ति और त्याग की भावना से जोड़ने का अवसर मिलेगा। मध्यप्रदेश इस आयोजन को एक ‘जन-अभियान’ के रूप में पूरे समाज की भागीदारी के साथ मनाएगा।
आयोजन के चार चरणों में फैलेगा उत्सव
‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष का यह उत्सव चार मुख्य चरणों में आयोजित किया जाएगा, ताकि राष्ट्रप्रेम की भावना पूरे वर्ष बनी रहे।
- प्रथम चरण: 7 नवंबर से 14 नवंबर 2025
- द्वितीय चरण: 19 जनवरी से 26 जनवरी 2026 (गणतंत्र दिवस सप्ताह)
- तृतीय चरण: 7 अगस्त से 15 अगस्त 2026 (‘हर घर तिरंगा अभियान’ के साथ)
- चतुर्थ चरण: 1 नवंबर से 7 नवंबर 2026 (समापन सप्ताह)
भोपाल में राज्य स्तरीय शुभारंभ समारोह
राज्य स्तरीय मुख्य समारोह 7 नवंबर 2025 को सुबह 9:30 बजे भोपाल के शौर्य स्मारक में संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित किया जाएगा। इसी समय, प्रदेश के सभी जिला, तहसील और विकासखंड मुख्यालयों पर “वंदे मातरम” का सामूहिक गायन होगा। सुबह 10 बजे से प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आयोजित नई दिल्ली के मुख्य कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सभी आयोजन स्थलों पर दिखाया जाएगा। राज्य के सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में भी “वंदे मातरम” का सामूहिक गायन अनिवार्य रूप से किया जाएगा। पुलिस बैंड, स्कूल-कॉलेज बैंड और स्थानीय संगीत दल भी इस आयोजन में भाग लेंगे, जिससे यह एक भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुति बने।
जन-भागीदारी पर विशेष जोर
राज्यमंत्री लोधी ने कहा कि यह आयोजन केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं होगा, बल्कि “जन-जन का उत्सव” बनेगा। इसमें विद्यार्थी, जनप्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी-कर्मचारी, पुलिसकर्मी, चिकित्सक, शिक्षक और सामाजिक संगठन सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
पंचायतों और शहरी निकायों में सामूहिक गायन
- 8 नवंबर 2025: प्रातः 10 बजे, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से सभी ग्राम पंचायतों में सामूहिक “वंदे मातरम” गायन होगा।
- 10 नवंबर 2025: नगरीय विकास एवं आवास विभाग के माध्यम से सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों में गायन आयोजित किया जाएगा।
संस्कृति मंत्री ने निर्देश दिए कि पर्यटन विभाग के सहयोग से सभी जिलों में चयनित मुख्य पर्यटन स्थलों पर भी “वंदे मातरम” का सामूहिक गायन सुनिश्चित किया जाए, जिससे पर्यटकों में राष्ट्रीय गर्व की भावना उत्पन्न हो।
'सभी स्वदेशी अपनाएं' का सामूहिक संकल्प
राज्यमंत्री लोधी ने बताया कि इस उत्सव का एक महत्वपूर्ण भाग “सभी स्वदेशी अपनाएँ” का संकल्प होगा। यह संकल्प आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक प्रेरणादायक और ठोस कदम साबित होगा, जिससे देश की आर्थिक और सांस्कृतिक आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा।
