मध्य प्रदेश के एक सरकारी विभाग के नाम पर एक फर्जी YouTube चैनल बनाया गया है। यह चैनल आधिकारिक वीडियो का दुरुपयोग कर भ्रामक जानकारी फैला रहा है। विभाग ने अलर्ट जारी कर साइबर सेल में शिकायत की है।

भोपाल। अभी तक प्राइवेट कंपनी या किसी निजी संस्थान के नाम से फेंक साइट बनाकर फ्रॉड किया जाता था। लेकिन अब तो मध्यप्रदेश में एक सरकारी विभाग ‘एमपी भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल’ के नाम से ही बदमाशों ने एक फर्जी YouTube चैनल बना लिया है। जिसके जरिए लोगों को झांसा देखर फंसाया जा रहा है। अब विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर विभाग के नाम से एक फर्जी YouTube चैनल बनाया गया है। यह चैनल विभाग की पहचान का दुरुपयोग कर रहा है और MPBOCW द्वारा जारी किए गए कई आधिकारिक वीडियो को बिना अनुमति के कॉपी-पेस्ट कर अपने चैनल पर अपलोड कर रहा है। इससे गलत और भ्रामक जानकारी फैलने की आशंका है।

मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने दर्ज कराई शिकायत

श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने मामले को गंभीर मानते हुए Cyber Cell और YouTube दोनों पर शिकायत दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने शिकायत प्रक्रिया शुरू कर दी है। मंडल ने स्पष्ट किया है कि केवल अधिकृत YouTube चैनल @MPBOCW ही विभाग का आधिकारिक चैनल है।

फर्जी चैनल और आधिकारिक चैनल

  • आधिकारिक चैनल MPBOCW – Official 
  •  फर्जी चैनल: MPBOCW MADHY PRADESH (@MPBOCW01) 
  • फर्जी चैनल का लिंक: https://youtube.com/@mpbocw01

विभाग ने कहा कि फर्जी चैनल के जरिए श्रमिकों को भ्रमित किया जा रहा है और आधिकारिक वीडियो को बिना अनुमति के अपलोड किया जा रहा है, जो पूरी तरह अवैध है।

मजदूरों के लिए शुरू हुआ AI वीडियो

AI वीडियो और सोशल मीडिया हैंडल को मिल रही सकारात्मक प्रतिक्रिया मंडल द्वारा हाल ही में शुरू किए गए AI आधारित रील्स और वीडियो को प्रदेशभर के श्रमिकों से अच्छा फीडबैक मिल रहा है। योजनाओं और अधिकारों को सरल भाषा और छोटे वीडियो के माध्यम से समझाने का यह प्रयास तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

 आधिकारिक सोशल मीडिया पेज

  •  Instagram @mpbocw 
  •  Facebook @mpbocw 
  •  X (Twitter)@mpbocw 
  •  YouTube: @MPBOCW

मंडल ने कहा है कि आधिकारिक सोशल मीडिया चैनलों पर श्रमिक कल्याण योजनाओं, पंजीकरण प्रक्रिया, शिक्षा सहायता, स्वास्थ्य एवं मातृत्व लाभ, दुर्घटना व मृत्यु सहायता, पेंशन और अन्य जरूरी जानकारी नियमित रूप से साझा की जा रही है।

मंडल ने सभी निर्माण श्रमिकों, ठेकेदारों और हितधारकों से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक सोशल मीडिया स्रोतों को ही फॉलो करें और किसी भी फर्जी या भ्रामक सूचना से सावधान रहें।