ग्वालियर के 84 वर्षीय अशोक मजूमदार ने पीठ पर गजनी स्टाइल टैटू बनवाकर किया देहदान का संकल्प। क्या उनका यह अनोखा कदम समाज में देहदान की सोच बदल देगा? पढ़िए प्रेरक कहानी।

Gwalior Elderly Man Tattoo Inspiration: ग्वालियर के लाला का बाजार निवासी 84 वर्षीय अशोक मजूमदार ने ऐसा कदम उठाया, जिसने न सिर्फ उनके परिवार को बल्कि डॉक्टरों को भी चौंका दिया। अशोक ने अपनी मृत्यु के बाद देहदान करने का संकल्प लिया और इसे हमेशा याद रखने के लिए अपनी पीठ पर टैटू बनवाया। इस टैटू में लिखा है “प्रॉपर्टी ऑफ मेडिकल कॉलेज” और उस दिन की तारीख भी अंकित है, जिस दिन उन्होंने यह संकल्प लिया।

टैटू के पीछे की प्रेरक कहानी

हाल ही में अशोक मजूमदार का जयारोग्य अस्पताल में ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों की नजर उनके पीठ पर पड़े टैटू पर गई और सब हैरान रह गए। यह देखकर अस्पताल ने गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के डीन, डॉक्टर आरकेएस धाकड़ को जानकारी दी। डीन ने अशोक के संकल्प को समाज के लिए प्रेरणा बताया और उन्हें सम्मानित किया।

क्यों गुदवाया टैटू और क्या संदेश है इसके पीछे?

अशोक मजूमदार ने बताया कि उन्होंने टैटू इसलिए बनवाया ताकि उनके मरने के बाद परिवार और समाज को याद रहे कि उन्होंने देहदान का संकल्प लिया। उनके अनुसार, अगर कोई व्यक्ति अपने संकल्प के प्रति सच्चा हो और उसे पूरी तरह अपनाए, तो कोई भी उसे रोक नहीं सकता। उनके इस कदम ने समाज में देहदान को लेकर जागरूकता बढ़ाई है।

डॉक्टर और मेडिकल कॉलेज का रिएक्शन

गजरा राजा मेडिकल कॉलेज ने अशोक मजूमदार के लिए विशेष सम्मान समारोह आयोजित किया। उन्हें शाल, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। डॉक्टर आरकेएस धाकड़ ने कहा कि अशोक का यह कदम सभी के लिए प्रेरणा है, खासकर उन लोगों के लिए जो देहदान करने से हिचकिचाते हैं।

क्या टैटू और संकल्प ने बदल दी लोगों की सोच?

अशोक मजूमदार की कहानी बताती है कि एक दृढ़ संकल्प और सही प्रेरणा किसी भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकती है। उनकी पीठ पर टैटू और दिल में संकल्प ने मिलकर एक मिसाल पेश की है, जो आने वाली पीढ़ियों को देहदान और मानव सेवा की प्रेरणा देगा।