सार
दो दिन से मध्यप्रदेश में चल रही ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल समझाईश के बाद खत्म हो गई है। बुधवार से सभी बस ट्रक पहले की तरह चलने लगेंगे। अब लोगों को पेट्रोल डीजल की किल्लत का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।
भोपाल. हिट एंड रन केस के विरोध में सोमवार से शुरू हुई बस और ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल खत्म हो गई है। क्योंकि सरकार और ट्रक एसोसिएशन के बीच एमपी के अधिकतर जिलों में मंगलवार को बैठक कर चर्चा की गई। जिसमें उन्हें यह भी बताया गया कि अभी ये कानून लागू नहीं किया गया है। इसे लागू करने से पहले ट्रांसपोर्टरों से चर्चा की जाएगी।
इस बात पर बनी है सहमति
मध्यप्रदेश सहित देशभर में चल रही ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। पेट्रोल पंप पर वाहनों की लंबी लंबी लाइन लगने लगी थी। ऐसे में एक दो लीटर पेट्रोल लेने वाले को भी एक से दो घंटे खड़े रहना पड़ रहा था। इसके बाद मंगलवार को जबलपुर हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि इस हड़ताल को तुरंत खत्म करवाई जाए। क्योंकि यह असंवैधानिक होने के साथ ही लोगों को जरूरत के सामान भी उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। इस निर्देश पर सरकार के अधिवक्ता ने शाम तक फैसला लेने की बात कही थी। इसके बाद मंगलवार को ही सरकार और ट्रांसपोर्टरों के बीच चर्चा हुई। जिसके बाद हड़ताल खत्म करने पर सहमति बनी है।
कानून लागू करने से पहले करेंगे चर्चा
इस मामले में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने ट्रासंपोर्टरों को बताया कि नए कानून और प्रावधान लागू नहीं हुए हैं। हिंड एंड रन कानून को लागू करने से पहले ट्रांसपोर्ट कांग्रेस से विचार विमर्श करने के बाद फैसला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार और ट्रांसपोर्टर के बीच इस बात पर सहमति बनी है।
शाजापुर में भड़के कलेक्टर
मध्यप्रदेश के शाजापुर में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल खत्म कराने पर हो रही चर्चा के दौरान एक ड्राइवर की बात पर कलेक्टर भड़क गए, उन्होंने कहा औकात क्या है तुम्हारी। इसके बाद ड्राइवर ने माफी मांगी, तब जाकर मामला शांत हुआ। दरअसल ड्राइवर ने कहा था कि तीन दिन तक हमारी हड़ताल है। इसके बाद हम कुछ भी करेंगे। इस पर कलेक्टर किशोर कन्याल भड़क गए और बोले फालतू बात मत करो, क्या करोगे, क्या औकात है तुम्हारी। इस बात पर ड्राइवर भी बोला ही यही तो हमारी लड़ाई है कि कोई औकात नहीं है हमारी, इसके बाद कलेक्टर का गनमैन ड्राइवर को लेकर जाने लगा, जिसके बाद ड्राइवर ने माफी मांगी।