IPS महिला अफसरों की आवाज बनकर 3 राज्यों की पुलिस को चकमा देने वाला संकेत यादव आखिरकार गिरफ्तार हुआ। जानिए कैसे खुली लाखों की ठगी की चौंकाने वाली साजिश!
Jabalpur News: एक तरफ जहां लोग यूपीएससी की तैयारी में सालों झोंक देते हैं, वहीं दूसरी एक 19 साल का लड़का, सिर्फ 9वीं पास, लेकिन ऐसी चालाकी से सिस्टम को गुमराह किया कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों की पुलिस तक उसकी चाल में फंस गई। नाम है संकेत यादव, जिसने महिला IPS अधिकारियों की आवाज की हूबहू नकल कर के 50 से ज्यादा पुलिस अधिकारियों को ठगा। यह शातिर ठग है मध्य प्रदेश के सतना जिले का रहने वाला संकेत यादव, जिसने तकनीक और अभिनय का ऐसा इस्तेमाल किया कि बड़े-बड़े अधिकारी तक चकमा खा गए।
कैसे चलाता था ठगी का खेल?
संकेत यादव थाना प्रभारियों को फोन करता था और खुद को महिला IPS बताकर कहता कि "आपके इलाके में अवैध ट्रांजैक्शन हो रहा है, तुरंत कार्रवाई करें और मेरी बात ग्राहक सेवा केंद्र से करवाएं।" जैसे ही पुलिस हरकत में आती, वह ग्राहक सेवा केंद्र ऑपरेटर को धमकाता कि "अगर बचना है तो मेरे स्टाफ को 10,000 रुपये तुरंत भेजो, नहीं तो जेल जाओगे।"
ऐसे देता था आदेश, जैसे IPS खुद बोल रही हों
संकेत यादव ने महिला IPS अफसरों की आवाज की हूबहू नकल करना सीख लिया था। वह अलग-अलग राज्यों की पुलिस को फोन करता, खुद को महिला आईपीएस अधिकारी बताकर केस में हस्तक्षेप करता और आरोपी छुड़वाने से लेकर मनचाहे आदेश दिलवाने का प्रयास करता। कई मामलों में वह सफल भी रहा, जिससे उसका हौसला बढ़ता गया।
लाखों रुपये की ठगी, निशाने पर रहे पुलिसकर्मी और व्यापारी
संकेत सिर्फ फोन कॉल तक सीमित नहीं था। वह लोगों से पैसे भी ऐंठता था। किसी केस को रफा-दफा करने, सस्पेंशन रोकने या सिफारिश दिलाने के नाम पर उसने तीन राज्यों – मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और छत्तीसगढ़ की पुलिस से जुड़े लोगों से लाखों की ठगी की।
कैसे हुआ भंडाफोड़, महिला IPS की फेक कॉल से हुआ शक
जब एक महिला IPS अधिकारी को पता चला कि उनके नाम से किसी ने एक केस में कॉल किया है, तब मामले की तहकीकात शुरू हुई। ट्रू कॉलर से जांच करते हुए पुलिस ने नंबर को ट्रैक किया और फिर सतना के युवक तक पहुंच गई। तकनीकी साक्ष्य और कॉल रिकॉर्डिंग ने साबित कर दिया कि वही नकली IPS है।
महाकाल मंदिर से संकेत ने सीखी अफसरों की बोली
पूछताछ में उसने बताया कि वह पहले उज्जैन के महाकाल मंदिर में सफाई कर्मचारी था। वहीं उसने वरिष्ठ अधिकारियों को बोलते सुना और उनकी बातचीत की स्टाइल और टोन कॉपी करना सीखा। बाद में उसने एक ग्राहक सेवा केंद्र में काम किया, जहां से उसने कालेधन ट्रांसफर की ट्रिक सीखी।
घर छोड़ा, जेल गया, फिर फर्जी IPS बना संकेत यादव
संकेत जबलपुर के पाटन क्षेत्र का निवासी है और 15 साल की उम्र में ही घर छोड़ चुका था। हाल ही में जेल से छूटकर उसने उत्तर प्रदेश का रुख किया और वहीं से फर्जी कॉल्स का नेटवर्क चलाया। वह कासगंज एसपी अंकिता शर्मा की आवाज की भी नकल कर चुका है। फर्जी सिम कार्ड, फ्री कॉलिंग ऐप और वॉयस चेंजर सॉफ्टवेयर की मदद से अपनी असली पहचान छिपाए रखता था। पुलिस अधिकारियों की बातचीत के पुराने वीडियो सुनकर उसने उनकी आवाज़ और बातचीत का तरीका सीखा था।
गिरफ्तारी के बाद खुला पूरा नेटवर्क, पुलिस भी हैरान
गिरफ्तार होने के बाद संकेत ने जो खुलासे किए, उसने पुलिस को भी चौंका दिया। उसने बताया कि वह पिछले 6 महीने से ठगी के इस नेटवर्क को चला रहा था और अब तक दर्जनों लोगों से मोटी रकम ऐंठ चुका है। पूछताछ में उसके पास से फर्जी ID, QR कोड डिटेल्स और 3 मोबाइल नंबर मिले हैं। MP, UP और गुजरात की पुलिस अब संकेत के पुराने नेटवर्क की जांच में जुटी है।
