बड़वानी में जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा का लोकार्पण किया और 133 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की सौगात दी। उन्होंने जनजातीय नायकों के योगदान को याद किया और किसानों, युवाओं व बहनों के लिए कई घोषणाएँ कीं।

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश जनजातीय समुदाय का अपना घर है और पूरे देश में इसे ‘ट्राइबल स्टेट’ के रूप में पहचाना जाता है। यह सम्मान प्रदेश की पहचान और गौरव का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जनजातियां हमारी “मुकुट-मणियां” हैं और उनकी संस्कृति, परंपरा और संघर्षों का उत्सव पूरे प्रदेश में मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस ने नई पीढ़ी को वीर जननायकों के बलिदान और शौर्य से परिचित कराया है।

बड़वानी में जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का संबोधन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव बड़वानी जिले के पानसेमल क्षेत्र के ग्राम मोरतलाई में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की भव्य प्रतिमा का लोकार्पण किया और कहा कि यह प्रतिमा जनजातीय स्वाभिमान और वीरता का प्रतीक है।

133 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बड़वानी जिले के लिए 133 करोड़ रुपये से अधिक लागत के 6 विकास कार्यों का लोकार्पण और 5 कार्यों का भूमिपूजन किया। इनमें प्रमुख रूप से-

  • 46 करोड़ रुपये की लागत से तैयार राजपुर-दवाना मार्ग
  • 14.86 करोड़ रुपये की लागत से सेंधवा में नया शासकीय महाविद्यालय भवन
  • उद्वहन सिंचाई परियोजना का पानसेमल और बारला तक विस्तार
  • अनेक स्कूलों को हायर सेकेंडरी में प्रोन्नत करने की घोषणाएँ
  • राजगढ़ से पानटीवाड़ी तक पक्की सड़क बनाने की घोषणा

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं से क्षेत्र के सभी 51 गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा।

जनजातीय नायकों के बलिदान को नमन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय समाज ने सदैव अपनी संस्कृति और भूमि की रक्षा के लिए संघर्ष किया है। उन्होंने भीमा नायक, खाज्या नायक, वीर बिरजू नायक और अनेक अन्य जननायकों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि बड़वानी की मिट्टी शूरवीरों की धरोहर है। मुख्यमंत्री ने सभी को जनजातीय गौरव दिवस (15 नवंबर) की शुभकामनाएं दीं और कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पूरे प्रदेश में भव्य तरीके से मनाई जा रही है।

जनजातीय नायकों को सम्मान देने की परंपरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू की

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय नायकों को सम्मान देने की परंपरा शुरू की। लंबे समय तक पिछली सरकारें जनजातीय नायकों को नजरअंदाज करती रहीं, लेकिन अब देश में जनजातीय गौरव फिर से स्थापित हो रहा है।

किसानों, बहनों और युवाओं के लिए बड़े फैसले

  • किसानों को 5328 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सोयाबीन का भावान्तर देकर खरीदी की जा रही है।
  • लाड़ली बहना योजना के तहत 45 हजार करोड़ रुपये बहनों को दिए जा चुके हैं।
  • किसानों और सैनिकों को समान सम्मान देना सरकार की नीति है।
  • पशुपालन और डेयरी को बढ़ावा देने के लिए डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना में किसानों को 10 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है।

इतिहास और शिक्षा में जननायकों को स्थान

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी का इतिहास जनजातीय नायकों के बिना अधूरा है। अब स्कूल पाठ्यक्रमों में जननायकों की जीवनी शामिल की गई है ताकि नई पीढ़ी अपने असली नायकों को जान सके। जबलपुर में राजा शंकरशाह और कुंवर रघुनाथ शाह का स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय भी इसी उद्देश्य से बनाया गया है।

जनजातीय समाज के अधिकारों की रक्षा और सशक्तिकरण

मुख्यमंत्री ने कहा-

  • पेसा कानून ने जनजातीय समाज को मजबूत किया है।
  • वन अधिकार अधिनियम के तहत करीब 3 लाख परिवारों को अधिकार मिले हैं।
  • तेंदूपत्ता संग्रहण का दाम 3000 से बढ़ाकर 4000 रुपये प्रति बोरा कर दिया गया है।
  • वनोपज सहकारी समितियां जनजातीय अधिकारों की रक्षा कर रही हैं।

श्रीअन्न उत्पादन, शिक्षा और रोजगार पर जोर

सीएम ने कहा कि मिलेट्स उत्पादन में जनजातीय किसान बड़ी भूमिका निभा रहे हैं और मिलेट कैपिटल बनाने का लक्ष्य उनकी मेहनत से पूरा होगा। युवाओं के लिए शिक्षा से लेकर विदेश अध्ययन, प्रतियोगी परीक्षाओं, रोजगार और स्व-रोजगार तक विशेष योजनाएँ संचालित हैं। उन्होंने कहा कि सिकल सेल उन्मूलन में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है और बड़वानी जिले ने उत्कृष्ट कार्य किया है।

PM मोदी के निर्णय के लिए आभार: सांसद गजेंद्र सिंह पटेल

कार्यक्रम में सांसद गजेंद्र सिंह पटेल ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने के लिए जनजातीय समाज प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता है। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा जिले को दी जा रही सौगातों की सराहना की।