सार
कटनी जिले में पुलिस ने तालाब में डूबे युवक को मौत के मुंह से बचा लिया। उसकी बॉडी ठंडी पड़ने लगी थी और सांसे भी धीमी हो चुकी थीं। तभी पुलिसवाले ने सीपीआर देकर उसकी जिंदगी बचा ली। जबकि परिवार उसको मरा हुआ मान चुका था
कटनी. जिस पुलिस को लोग अक्सर नफरत भरी निगाहों से देखते हैं, वही खाकी वर्दी एक शख्स के लिए मसीहा बनकर आई और उसको मौत के मुंह से बचा लिया। यानि पुलिसवाले ने सीपीआर देकर उसकी जिंदगी बचा ली। दरअसल, युवक तालाब में डूबने के बाद निकाल तो लिया, लेकिन वह बेसुध हालत में जमीन पर पड़ा था। कई लोग तो उसे मरा मान चुके थे। लेकिन पुलिस ने मुंह से सांस देकर उसे बचा लिया।
कटनी जिले के ढीमरखेड़ा थाना क्षेत्र की है घटना
दरअसल, यह घटना कटनी जिले के ढीमरखेड़ा थाना क्षेत्र के झिन्ना पिपरिया गांव की है। जहां शुक्रवार दोपहर पुलिस को किसी ने सूचना देकर बुलाया कि एक युवक तालाब में डूब गया है, उसे बचा लीजिए। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और ग्रमीणों की मदद से उसे तलाब से निकाल लिया गया। लेकिन वह बेसुध हालत में था, उसकी सांसे धीमे-धीमे चल रही थीं, थाना प्रभारी युवक को अपनी जीप में लेकर अस्पताल लिए निकल गए।
बॉडी ठंडी पड़ने लगी और सांसे भी धीमी
बता दें कि युवक की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। उसकी बॉडी ठंडी पड़ने लगी थी और सांसे भी कम आ रही थीं। ऐसे में थाना प्रभारी ने युवक सीपीआर दिया। देखते ही देखते उसकी शरीर में हलचल होने लगी और वह अस्पताल पहंचने से पहले होश में आ गया। इसके बाद उसे हॉस्पिटल में एडमिट किया गया, डॉक्टरों ने इलाज के बाद कहा-पीड़ित की हालत में सुधार है, लेकिन समय पर सीपीआर नहीं दिया होता तो उसकी जान चली गई होती।
परिवार बेटे को मान चुका था मरा हुआ
गांववालों के अनुसार पुलिस ने युवक की पहचान 30 वर्षीय सोनू पटेल के रूप में की है। वह परिवार के लोगों को काम से बोलकर घर से निकला था, लेकिन वह गांव के पास बने डियागढ़ तालाब में लोगों को डूबा मिला। खबर मिलने पर परिजन और ग्रामीण पहुंचे, किसी तरह उसे निकाला गया, लेकिन उसकी सांस नहीं चल रही थीं, ऐसे में परिवार और गांववाले उसे मृत मान चुके थे।