सार

भोपाल में पुलिस ने साइबर जालसाजों के एक गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो जरूरतमंदों के खाते बेचकर धोखाधड़ी कर रहे थे। मुख्य आरोपी राहुल श्रीवास्तव और उसके लिव-इन पार्टनर ने 200 से अधिक बैंक खाते बेचे।

भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल के कोलार इलाके में पुलिस ने साइबर जालसाजों को खाते बेचने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। मास्टरमाइंड सातवीं कक्षा का ड्रॉपआउट है और अपने लिव-इन पार्टनर के साथ मिलकर गिरोह चलाता था।

क्या-क्या बरामद हुआ?

अधिकारियों ने 3 कार्ड स्वाइप मशीन, 6 मोबाइल फोन, 34 क्रेडिट और डेबिट कार्ड, 20 चेक, 24 चेकबुक, छह पासबुक, 77 सिम कार्ड, दो डायरियाँ, 12 एटीएम, एक लैपटॉप, दो वाई-फाई राउटर और 8 लाख रुपये नकद सहित कई उपकरण और धन बरामद किए। गिरोह ने जरूरतमंद मजदूरों को निशाना बनाया, सहायता देने के नाम पर उनके आधार और पैन कार्ड के साथ गुमास्ता लाइसेंस भी फर्जी तरीके से हासिल कर लिए। इन चुराई गई पहचानों का इस्तेमाल बैंक खाते खोलने में किया गया, जिन्हें बाद में देशभर में साइबर अपराधियों को बेच दिया गया।

सातवीं तक पढ़ा लिखा है मुख्य आरोपी?

मुख्य आरोपी 42 वर्षीय राहुल श्रीवास्तव उर्फ ​​बबलू ने सिर्फ सातवीं कक्षा तक की शिक्षा पूरी की थी। आरोपी राहुल फटे कपड़ों में अपना खाता बंद करने के इरादे से बैंक पहुंचा। बैंक अधिकारियों को शक हुआ क्योंकि उसके दो खातों में तीन महीने की अवधि में कुल 3 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचित किया।

अब तक कुल 4 लोगों को किया गया गिरफ्तार

खाताधारक को पकड़कर पूछताछ करने पर स्थिति स्पष्ट हो गई। जब राहुल श्रीवास्तव ने एक दंपत्ति के साथ मिलीभगत करके खाता बेचने में अपनी संलिप्तता का खुलासा किया, तो पुलिस और सतर्क हो गई। उसने खुलासा किया कि उसे सहयोग के बदले कमीशन मिलता था। राहुल द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर पुलिस ने दंपत्ति को गिरफ्तार कर लिया, जिन्होंने 200 से अधिक खाते बेचने की बात कबूल की। पुलिस ने मुख्य आरोपी, उसकी पत्नी, एक युवक और एक युवती को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार युवक और युवती लिव-इन रिलेशनशिप में रहते थे। दोनों बागसेवनिया इलाके में आधार, पैन, खाद्य लाइसेंस और गुमास्ता बनवाने का काम करते थे।

तीन महीनों में हुआ बैंक एकाउंट का 3 करोड़ का ट्रांजेक्शन

एडिशनल डीसीपी मलकीत सिंह ने बताया कि 19 दिसंबर को कोलार पुलिस को बैंक ऑफ महाराष्ट्र की मंदाकिनी, कोलार रोड शाखा से एक ईमेल मिला। ईमेल में बताया गया कि राहुल श्रीवास्तव नामक व्यक्ति अपना बैंक खाता बंद कराने के लिए शाखा में आया था। ईमेल में आगे बताया गया कि पिछले दो-तीन महीनों में राहुल के दो बैंक खातों में करीब 3 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस बैंक पहुंची। बैंक खाते की जानकारी से 3 अक्टूबर 2024 से 5 दिसंबर 2024 के बीच तीन करोड़ रुपए के लेनदेन की पुष्टि हुई। पुलिस ने चिनार 7 मील, बोरदा, कोलार रोड निवासी राहुल श्रीवास्तव से पूछताछ की।

एकाउंट खोलकर करते थे धोखाधड़ी

राहुल ने पुलिस को बताया कि उसने मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के केलकच्छ गांव निवासी घनश्याम सिंगरोले को 45 हजार रुपए में दो खाते बेचे थे। एक खाता उसका था और दूसरा उसकी पत्नी का। उसने यह भी बताया कि घनश्याम ने ही खाते बेचने का सुझाव दिया था और उसे भोपाल के बागसेवनिया इलाके में रहने वाले निकिता प्रजापति और नितेश प्रजापति नामक दंपत्ति से मिलवाया था। जांच में पता चला कि दंपत्ति ने धोखाधड़ी करके सैकड़ों खाते खोलकर बेचे थे। वे मजदूरों और गरीब लोगों को बहला-फुसलाकर उनके दस्तावेज हासिल करते थे और फिर खाते खोलकर बेच देते थे। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।