मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास के लिए लगातार कार्य कर रही है। केंद्रीय संसदीय समिति के साथ बैठक में योजनाओं की समीक्षा और सुधार पर चर्चा हुई।

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकार का लक्ष्य है कि हर पात्र व्यक्ति तक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाए। उन्होंने बताया कि योजनाओं और कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए शासन विभिन्न सुझावों के प्रति संवेदनशील है और नवाचारों के लिए हमेशा तैयार है।

केंद्रीय संसदीय समिति के साथ बैठक में हुई चर्चा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह बातें मुख्यमंत्री निवास में आयोजित बैठक के दौरान कहीं। बैठक में पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण के लिए गठित केंद्रीय संसदीय समिति के सदस्य मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने समिति के सदस्यों से योजनाओं की प्रगति और उनके प्रभाव पर विस्तृत चर्चा की।

कुलस्ते बोले – योजनाओं की समीक्षा मैदानी स्तर पर जारी

केंद्रीय समिति के अध्यक्ष फग्गन सिंह कुलस्ते ने बताया कि समिति अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लिए चल रही योजनाओं का मैदानी स्तर पर मूल्यांकन कर रही है। इसका उद्देश्य योजनाओं की कार्यक्षमता बढ़ाना और अधिक से अधिक लाभार्थियों तक पहुंच सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि समिति कर्मचारियों के सेवा में प्रतिनिधित्व और उनके लिए चलाई जा रही कल्याणकारी गतिविधियों की प्रगति का भी आकलन कर रही है।

स्थानीय समुदायों से संवाद और रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत होगी

कुलस्ते ने बताया कि समिति ने विभिन्न जिलों में स्थानीय समुदायों, प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से संवाद किया है। समिति की ओर से तैयार की जा रही रिपोर्ट जल्द ही संसद में प्रस्तुत की जाएगी, ताकि आगे की नीतियों में सुधार किया जा सके।

दो दिवसीय प्रवास पर रही केंद्रीय समिति

केंद्रीय समिति प्रदेश के दो दिवसीय प्रवास पर रही। समिति में राज्यसभा सांसद मिथलेश कुमार, ममता ठाकुर, सुमित्रा बाल्मीक, देवेन्द्र प्रताप सिंह, फूलो देवी नेताम, रवांगारा नार्जरी, लोकसभा सांसद हरीश मीना, अरुण कुमार, प्रोतिमा मंडल, जगन्नाथ सरकार, गोविंद करजोल, डी. प्रसाद राव और विष्णु दयाल राम शामिल थे।