सार
बीजेपी ने मध्य प्रदेश में बंपर जीत हासिल कर ली। लेकिन अब मुख्यमंत्री का नाम फाइनल करना आलाकामन के लिए बहुत मुश्किल है। क्योंकी सीएम की रेस में करीब आधा दर्जन नेताओं के नाम हैं। सभी सीनियर हैं, जिन्होंने दिल्ली जाना शुरू कर दिया है।
भोपाल, मध्य प्रदेश में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत के बाद अब मुख्यमंत्री कौन होगा इसके लेकर भोपाल से लेकर दिल्ली तक के राजनीतिक गलियों में शोर तेज हो गया है। बताया जा रहा है कि एक से दो दिन में सीएम के नाम का फाइनल हो जाएगा। मुख्यमंत्री को लेकर दिल्ली में भाजपा संसदीय दल की बैठक हो सकती है। सवाल यह है कि अगर सीएम शिवराज सिंह चौहान को नहीं बनाया जाता है तो किसी के यह गद्दी सौंपी जाएगी।
आधा दर्जन नेता सीएम के रेस में शामिल
बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की रेस में सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित प्रदेश के करीब आधा दर्जन से ज्यादा नेता दावेदार हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय, विधानसभा का चुनाव जीते नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और गोपाल भार्गव का नाम भी शामिल है। वहीं कैलाश विजयवर्गीय चुनाव जीतते ही दूसरे दिन सोमवार को दिल्ली पहुंचे। जहां उन्होंने बीजेपी के सीनियर नेताओं से मुलाकात की है।
चुनाव जीतते ही अमित शाह-नड्डा से मिले प्रहलात पटेल
केंद्रीय मंत्री से इस्तीफा देकर चुनाव लड़े प्रहलाद पटेल ने आज सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह और बीजपी राष्ट्रीय जेपी नड्डा से मुलकात की है। इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि प्रहलात पटेल को भी एमपी का सीएम बनाया जा सकता है। क्योंकि वह मोदी और शाह के करीबी के साथ-साथ आरएसस से भी आते हैं। इसलिए उन्हें सीएम की कुर्सी सौंपी जा सकती है।
शिवराज को ही सौंपी जाएगी सीएम की कुर्सी?
कुछ राजनीतिक गलियरों में तो यह भी चर्चा है कि लोकसभा चुनाव तक बीजेपी की किसी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है। इसलिए शिवराज सिंह चौहान को ही मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। लेकिन सवाल यह भी है कि बीजेपी ने शिवराज के नाम पर चुनाव नहीं लड़ा है। ना ही उनको सीएम पद के लिए घोषित किया था। लेकिन जिस तरह से लाडली बहना योजना का लाभ मिला है उससे तो यही लग रहा है कि शिवराज को ही फिर से प्रदेश की गद्दी सौंपी जाएगी।