सार

जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में आतंकी हमले में सीधी के अनिल शुक्ला की मौत से गांव में शोक की लहर। मुख्यमंत्री ने 5 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की, परिजनों ने शहीद का दर्जा और पत्नी को नौकरी देने की मांग की।

भोपाल। जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में हुए आतंकी हमले में सीधी जिले के रामपुर नैकिन तहसील के डिठौरा निवासी अनिल शुक्ला की मौत ने पूरे गांव को शोक में डुबा दिया है। मंगलवार को अनिल शुक्ला का शव घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। परिजन गहरे दुःख में हैं और रो-रो कर उनका हाल बेहाल है।

मुख्यमंत्री ने की 5 लाख रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा

इस दर्दनाक घटना के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अनिल शुक्ला के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने इस हमले को कायरतापूर्ण बताते हुए दिवंगत की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है और मृतक के परिवार को इस दुख की घड़ी में शक्ति प्रदान करने की कामना की है। सीएम मोहन यादव ने लिखा कि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि देने के निर्देश दिए गए हैं।

 

 

परिजनों ने शहीद का दर्जा देने की सांसद से की मांग

मृत अनिल शुक्ला के परिजनों ने स्थानीय सांसद से अनिल शुक्ला को शहीद का दर्जा देने की मांग की है। सांसद ने आश्वासन दिया है कि वे इस मांग को संबंधित विभागों के समक्ष रखेंगे। उनका कहना है कि अनिल भले ही सेना की वर्दी में नहीं थे, लेकिन वे केंद्र सरकार के एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। परिजनों ने मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग की है, क्योंकि अनिल शुक्ला ही परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे। अनिल का सपना था कि उनकी बेटी डॉक्टर बने, जिसे अब सरकार को पूरा करना चाहिए। जैसे ही अनिल का शव गांव पहुंचा, पूरे गांव के लोग अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े। अंतिम संस्कार में भी भारी भीड़ जमा हुई।

अनिल के सहयोगी ने सुनाई आंखों देखी घटना

अनिल के सहयोगी राजकुमार शर्मा, जो कश्मीर से उनके साथ आए थे, ने इस हमले का आंखों-देखा हाल बताया। उन्होंने बताया कि अमरनाथ यात्रा मार्ग पर काम कर रही कंपनी पर अचानक दो आतंकियों ने हमला कर दिया। सबसे पहले आतंकियों ने मेस में फायरिंग की और फिर ऑफिसर मेस में घुसकर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। कंपनी ने तत्काल सहायता के रूप में 2 लाख रुपये दिए हैं और जल्द ही और मदद पहुंचाई जाएगी।