सार
उज्जैन के महाकाल मंदिर में वीआईपी नियमों का उल्लंघन करते हुए महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के पुत्र श्रीकांत शिंदे ने गुरूवार को ऐसा काम कर दिया कि चारों तरफ से घिर गए हैं। कांग्रेस ने श्रीकांत शिंदे के इसकी निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर में एक बार फिर VIP नियमों की अवहेलना की गई है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र एवं सांसद श्रीकांत शिंदे ने अपनी पत्नी और कुछ अन्य लोगों के साथ गर्भगृह में प्रवेश किया, जहां आम भक्तों का जाना प्रतिबंधित है। यह घटना गुरुवार शाम की है, जब श्रीकांत शिंदे और उनका परिवार शिवलिंग के पास पूजा करते हुए देखा गया।
कांग्रेस ने बीजेपी पर बोला हमला
इस मामले पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है और भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया है कि वे सत्ता के नशे में नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा कि आम भक्तों को दूर से दर्शन करना पड़ता है, जबकि वीआईपी बिना अनुमति के गर्भगृह में प्रवेश कर रहे हैं। यह नियमों का उल्लंघन है और मंदिर की व्यवस्थाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है।
महाकाल मंदिर में गर्भगृह में कौन-कौन कर सकता है प्रवेश?
महाकाल मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश का नियम शिवलिंग के संरक्षण और भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लागू किया गया है। केवल पुजारी, अखाड़े के संत महंतों और कुछ चुनिंदा मंत्रियों को गर्भगृह में जाने की अनुमति दी गई है। लेकिन बार-बार वीआईपी द्वारा इस नियम का उल्लंघन हो रहा है, जिससे मंदिर प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
चार महीने में चौथी बार हुई नियमों के उल्लघंन की घटना, कार्रवाई एक में भी नहीं
हांलाकि ऐसी घटना पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले भी महाकाल मंदिर के नियमों का उल्लंघन हुआ है। पिछले चार महीनों में यह चौथी बार है, जब वीआईपी ने गर्भगृह में प्रवेश किया। आश्चर्य की बात यह है कि इन घटनाओं पर अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। जिला कलेक्टर, जो मंदिर समिति के अध्यक्ष भी हैं, हर बार कहते हैं कि मंदिर के प्रशासक इस मामले को देख रहे हैं।
कांग्रेस ने महाकाल मंदिर में लगे कैमरों पर क्यों उठाए सवाल?
कांग्रेस ने भी महाकाल मंदिर में लगे कैमरों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि उन्हें इस तरह सेट किया गया है कि गर्भगृह में आने वाले व्यक्ति की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। इसे प्रशासन की लापरवाही बताते हुए कांग्रेस ने पारदर्शिता की मांग की है।
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