सार

रेल विभाग का एक चौंकाने वाला कारनामा प्रकाश में आया है, जिसने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है। रेलवे ने सबलगढ कस्बे के ग्यारहमुखी हनुमान मंदिर के भगवान बजरंगबली को ही नोटिस जारी कर चेतावनी दी है। 

मुरैना। रेल विभाग का एक चौंकाने वाला कारनामा प्रकाश में आया है, जिसने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है। रेलवे ने सबलगढ कस्बे के ग्यारहमुखी हनुमान मंदिर के भगवान बजरंगबली को ही नोटिस जारी कर चेतावनी दी है, उनसे रेलवे की जमीन से सात दिन में अतिक्रमण हटाने के लिए कहा है। यह भी कहा है कि यदि अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है तो रेलवे जबरन जमीन खाली कराएगा और उसमें आए खर्च की वसूली भी करेगा। फिर उसके दो दिन बाद मंदिर के पुजारी के नाम भी नोटिस जारी की गयी। ये पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।

नैरोगेज ट्रैक को ब्राॅडगेज में बदलने का चल रहा काम

दरअसल, ग्वालियर से श्योपुर के बीच नैरोगेज ट्रैक को ब्राॅडगेज में बदलने का काम तेजी से चल रहा है। सबलगढ तहसील में ब्रॉडगेज लाइन के बीच एक हनुमान मंदिर पड़ रहा है। उसी जमीन को खाली कराने के लिए रेलवे ने यह अनोखा नोटिस जारी किया है।

बजरंगबली को जारी नोटिस में क्या कहा गया?

नोटिस आठ फरवरी को जारी किया गया है। उसमें बजरंगबली को संबोधित करते हुए लिखा गया है कि आपने सबलगढ के मध्य किमी में मकान बनाकर रेलवे भूमि पर अतिक्रमण किया है। अत: आप इस नोटिस प्राप्ति के सात दिन के अंदर रेलवे भूमि पर किया गया अतिक्रमण हटाकर रेलवे भूमि को खाली करें, अन्यथा आपके द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने हेतु प्रशासन द्वारा कार्यवाही की जायेगी। जिसके हर्ज एवं खर्च की जिम्मेदारी आपकी स्वयं की होगी। यह पत्र जौरा अलापुर के वरिष्ठ खंड अभियंता की तरफ से जारी किया गया है।

पुजारी को जारी नोटिस

बजरंगबली को जारी नोटिस के वायरल होने के दो दिन बार रेलवे की तरफ से मंदिर के पुजारी को नोटिस जारी किया गया। यह नोटिस 10 फरवरी को जारी किया गया है। उस नोटिस में भी हरिहर शर्मा, पुजारी, मंदिर बजरंग बली, सबलगढ़ को संबोधित करते हुए रेलवे की जमीन पर से अतिक्रमण हटाने की बात कही गयी है।

नोटिस की त्रुटि सही की

पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद रेलवे की तरफ से बजरंगबली को जारी नोटिस को क्लर्कियल त्रुटि बताया गया है। अधिकारियों का कहना है कि यह सामान्य प्रक्रिया है। नोटिस की त्रुटि सही की गयी है।

35 वर्ष पुराना है मंदिर

आपको बता दें कि यह 11 मुखी हनुमान मंदिर 35 वर्ष पुराना है। पूर्व दस्यु रमेश सिकरवार द्वारा मंदिर में स्थापित हनुमान जी की मूर्ति ग्वालियर से लाई गई थी। तभी से लगातार श्रद्धालु मंदिर में पूजा करते रहे हैं। स्‍थानीय निवासियों का कहना है कि नोटिस से श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई हैं।