मध्यप्रदेश ने अपने 70वें स्थापना वर्ष में विकास, निवेश, नवाचार और नारी सशक्तिकरण की नई राह तय की है। उद्योग, कृषि और युवा रोजगार के क्षेत्रों में तेज़ी से आगे बढ़ता यह राज्य आत्मनिर्भर भारत का मजबूत आधार बन रहा है।
मध्यप्रदेश आज अपनी स्थापना के 70वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। 1 नवंबर 1956 को अस्तित्व में आए इस राज्य ने पिछले दो दशकों में विकास की नई यात्रा शुरू की है। इस यात्रा ने प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होने की दिशा में आगे बढ़ाया है। आज देवउठनी ग्यारस के पावन अवसर पर राज्योत्सव मनाया जा रहा है, जो हमारी सांस्कृतिक परंपराओं और उत्सवों की जीवंतता का प्रतीक है।
सांस्कृतिक परंपराओं से प्रेरित विकास की राह
हमारे त्यौहार और परंपराएं हमारी संस्कृति की आत्मा हैं। इनसे समाज में एकता और सकारात्मक सोच विकसित होती है। मध्यप्रदेश में सभी त्यौहारों को व्यापक और सांस्कृतिक रूप से मनाया जा रहा है। यही हमारी परंपरा हमें पुरातन से नूतन की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।
प्राकृतिक और ऐतिहासिक वैभव का राज्य
भारत का हृदय कहा जाने वाला मध्यप्रदेश वन, जल, अन्न, खनिज, कला और संस्कृति से समृद्ध है। यहां मां नर्मदा, चंबल, पार्वती और शिप्रा जैसी पवित्र नदियों का सान्निध्य है। यह भगवान परशुराम की जन्मस्थली, भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली और आदि शंकराचार्य की तपोस्थली है। उज्जैन से ही विश्व की पहली वैज्ञानिक कालगणना "विक्रम संवत्" की शुरुआत हुई थी।
विरासत से विकास की ओर मध्यप्रदेश
प्रदेश अपनी ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहर के साथ ‘विरासत से विकास’ की दिशा में आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। मध्यप्रदेश इस मिशन में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। इस वर्ष राज्योत्सव की थीम “उद्योग और रोज़गार” रखी गई है, जो सतत विकास और जनभागीदारी पर केंद्रित है।
निवेश और औद्योगिक विकास की नई ऊंचाइयां
प्रदेश में उद्योग वर्ष मनाते हुए निवेशकों को सक्षम और सुरक्षित वातावरण प्रदान किया गया है। उज्जैन से शुरू हुई निवेश यात्रा देश और विदेश तक पहुंची है — मुंबई, पुणे, दिल्ली, बेंगलुरु, जापान, जर्मनी, दुबई जैसे केंद्रों में रोड-शो के माध्यम से निवेश को बढ़ावा मिला है। इन प्रयासों से राज्य में औद्योगिक निवेश कई गुना बढ़ा है।
स्टार्टअप और इनोवेशन की दिशा में कदम
मध्यप्रदेश में इनोवेशन हब, स्टार्टअप पॉलिसी और फंडिंग सपोर्ट के माध्यम से युवाओं को स्टार्टअप की दिशा में प्रेरित किया जा रहा है। पिछले एक वर्ष में आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में उल्लेखनीय निवेश हुआ है।
विकास के आधार स्तंभ: निवेश, नवाचार और रोज़गार
प्रदेश में निवेश, नवाचार और रोज़गार को विकास के तीन मुख्य स्तंभ माना गया है। उद्योग, कृषि, ऊर्जा और सामाजिक सशक्तिकरण के क्षेत्रों में मध्यप्रदेश ने ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं।
‘GYAN’ के मंत्र से समग्र विकास
प्रधानमंत्री मोदी जी के ‘GYAN’ (गरीब, युवा, अन्नदाता, नारी) मंत्र को ध्यान में रखकर मध्यप्रदेश में विकास योजनाएं लागू की जा रही हैं। गरीब कल्याण, युवा रोजगार, किसान सशक्तिकरण और नारी उत्थान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
युवा शक्ति और रोजगार सृजन
मध्यप्रदेश कौशल विकास मिशन और स्टार्टअप नीति 2025 ने युवाओं को ‘जॉब सीकर’ से ‘जॉब क्रिएटर’ बनाया है। राज्य पहला है जिसने शासकीय भर्ती कैलेंडर जारी किया। रोज़गार मेले और अप्रेंटिसशिप कार्यक्रम युवाओं को रोजगार से जोड़ रहे हैं।
कृषि नवाचार और सिंचाई क्रांति
कृषि क्षेत्र में ड्रोन आधारित फसल निरीक्षण, स्मार्ट सिंचाई और मूल्य संवर्धन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजनाओं से किसानों को सिंचाई की सुविधा बढ़ेगी। अगले तीन वर्षों में सिंचाई रकबा 100 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
नारी सशक्तिकरण की नई दिशा
लाड़ली बहना योजना और नारी शक्ति मिशन ने महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता दी है। स्व-सहायता समूहों और महिला उद्यमिता नीति से लाखों महिलाओं को रोजगार और उद्योग के अवसर मिल रहे हैं।
गौ-धन और दुग्ध उत्पादन का विस्तार
मुख्यमंत्री गौ-संवर्धन मिशन के तहत प्रदेशभर में गौ-अभयारण्य और सेवा केंद्र स्थापित किए गए हैं। इससे दुग्ध उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बना रहा है।
आत्मनिर्भर और विकसित मध्यप्रदेश की ओर
प्रधानमंत्री मोदी जी के मार्गदर्शन और जनता के सहयोग से मध्यप्रदेश कल्याणकारी नीतियों को सफलतापूर्वक लागू कर रहा है। गरीब की मुस्कान, किसान की खुशहाली, नारी का सम्मान और युवा का उज्जवल भविष्य — यही आत्मनिर्भर और विकसित मध्यप्रदेश का संकल्प है।
प्रदेशवासियों को मध्यप्रदेश के 70वें स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
