MP भावांतर योजना 2025: मुख्यमंत्री डॉ. यादव 10 अक्टूबर से 489 करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खाते में करेंगे। MSP और मंडी भाव का अंतर DBT से, लाभ हर सोयाबीन उत्पादक तक पहुंचेगा।
MP Bhavantar Yojana 2025: मध्यप्रदेश सरकार किसानों के हित में भावांतर योजना 2025 लागू कर रही है। यह योजना खासकर सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए है। इस योजना के तहत किसानों को उनके उत्पादन के मूल्य का पूरा लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि जिले में प्रशासनिक अमले को यह सुनिश्चित करना होगा कि हर पात्र किसान तक लाभ पहुंचे और कोई भी किसान वंचित न रहे।
केंद्र और राज्य सरकार मिलकर सुनिश्चित करेंगे पेमेंट
केंद्र और राज्य सरकार मिलकर किसानों को निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5328 रुपये प्रति क्विंटल के अनुसार भुगतान सुनिश्चित करेंगी। किसानों को इस योजना से सीधा लाभ मिलेगा, ठीक वैसे ही जैसे पहले धान और गेहूं पर किया गया।
MP भावांतर योजना 2025: किसान कब और कैसे करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन?
ई-उपार्जन पोर्टल पर 10 अक्टूबर से पंजीयन शुरू होगा और यह 25 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। इस दौरान किसानों को अपने खेत और उपज का विवरण पोर्टल पर दर्ज कराना होगा।
- पंजीकृत किसान और उनके खेत का सत्यापन राजस्व विभाग करेगा।
- योजना की अवधि 1 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक रहेगी।
- किसान का भावांतर राशि सीधे बैंक खाते में DBT के माध्यम से हस्तांतरित होगी।
- इस प्रक्रिया से किसानों को सुरक्षित, पारदर्शी और सीधा भुगतान मिलेगा।
MSP और मंडी मॉडल भाव का अंतर: किसान को कितना लाभ मिलेगा?
सोयाबीन का उत्पादन किसान मंडी में बेचेंगे। यदि मंडी में विक्रय मूल्य MSP से कम है, तो राज्य सरकार अंतर राशि सीधे DBT में किसानों के बैंक खाते में भेजेगी।
उदाहरण:
- यदि मंडी मॉडल भाव 4600 रुपये/क्विंटल है और MSP 5328 रुपये/क्विंटल है, तो किसान को 5328 – 4600 = 628 रुपये प्रति क्विंटल का लाभ मिलेगा।
- यदि मंडी मूल्य MSP से कम है लेकिन राज्य के औसत मॉडल प्राइस के बराबर है, तब भी किसान को MSP और बिक्री मूल्य के बीच का अंतर मिलेगा।
- तीसरी स्थिति में यदि विक्रय मूल्य राज्य के औसत मॉडल प्राइस से कम है, तब भी सरकार MSP और औसत मॉडल प्राइस का अंतर राशि भुगतान करेगी।
इस तरह हर किसान को लाभ सुनिश्चित किया गया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस से मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कलेक्टर्स और जिला अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि:
- सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
- किसान का हित सर्वोपरि रखा जाए।
- किसी भी स्तर पर गड़बड़ी न हो।
- जिला स्तर पर नियमित समीक्षा और मॉनिटरिंग हो।
- योजना का प्रचार-प्रसार हर स्तर पर किया जाए।
- जनप्रतिनिधि और सोशल मीडिया से प्रचार में सहयोग करें।
भावांतर योजना का उद्देश्य और महत्व
भावांतर योजना 2025 का मुख्य उद्देश्य है कि किसानों को उनके उत्पादन का सही मूल्य मिले। यह योजना प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के अंतर्गत आती है।
- सोयाबीन उत्पादक किसान सीधे MSP और मंडी मॉडल भाव के अंतर का लाभ पाएंगे।
- राज्य सरकार 489 करोड़ रुपये की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजेगी।
- लगभग 8 लाख 45 हजार किसान इस योजना से लाभान्वित होंगे।
- यह योजना किसानों के लिए सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करती है।
क्या किसान लाभ से वंचित हो सकते हैं?
यह सवाल अक्सर उठता है-क्या कोई किसान इस योजना का लाभ नहीं ले पाएगा?
- यदि किसान समय पर ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कर लेते हैं, तो लाभ निश्चित है।
- योजना का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से किया जाएगा।
- प्रशासनिक अमला और जिला अधिकारी हर किसान तक लाभ पहुंचाने के लिए सतर्क और सक्रिय रहेंगे।
- योजना का भविष्य और संभावित लाभ
- भावांतर योजना 2025 से राज्य में सोयाबीन उत्पादक किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
- MSP अंतर राशि मिलने से किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के बराबर ही लाभ प्राप्त करेंगे।
- योजना का लक्ष्य है कि किसी भी किसान को लाभ से वंचित न रखा जाए।
- भविष्य में अन्य फसलों के लिए भी इस योजना का विस्तार संभव है।
वो सवाल जो हर किसान पूछता है?
- क्या केवल सोयाबीन के लिए है?
- A. हां, इस साल योजना केवल सोयाबीन फसल के लिए लागू है।
- 2. क्या किसान को बैंक अकाउंट चाहिए?
- A. हां, भुगतान सीधे बैंक खाते में होगा।
- 3. अगर मेरा उत्पादन MSP से ऊपर है, तो क्या मिलेगा?
- A. नहीं, भावांतर केवल MSP से कम उत्पादन वाले किसानों के लिए है।
