मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्य पद्धति सुधारने के लिए नवाचार और त्वरित समाधान पर जोर दिया है। लंबित प्रकरणों के निस्तारण, शिकायत-शून्य क्षेत्र एवं छात्रावास-शैक्षणिक परिसर निरीक्षण पर विशेष निर्देश दिए गए हैं।
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि कार्य पद्धति को बेहतर बनाकर नए प्रयोगों और नवाचारों के माध्यम से नागरिकों के कार्य समय पर और गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरे करने के प्रयास किए जाएं। सीएम हेल्पलाइन के अंतर्गत जिन जिलों अथवा क्षेत्रों में न्यूनतम शिकायतें होंगी, उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। जिन क्षेत्रों में शिकायतें शून्य स्थिति में हैं उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अपने कार्यों से अधिकारी-कर्मचारी सुशासन स्थापित करें। समाधान ऑनलाइन समीक्षा में प्रकरणों में कार्य के प्रति लापरवाही बरतने वाले 3 कर्मियों को निलंबित करने के साथ ही 19 अधिकारियों-कर्मचारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की गई। समाधान ऑनलाइन में सीएम यादव द्वारा किए गए फैसलों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है।
1. नवाचार एवं बेहतर कार्य पद्धति पर जोर
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि प्रशासन में कार्य पद्धति को बेहतर बनाने के लिए नए प्रयोग और नवाचार किए जाएं। जनता के काम समय पर और गुणवत्ता पूर्वक पूरे हों, इस लक्ष्य के साथ उन्होंने अधिकारियों-कर्मियों को प्रेरित किया है।
2. शिकायत-शून्य क्षेत्रों को पुरस्कृत किया जाएगा
वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि समाधान ऑनलाइन के माध्यम से जिन जिलों या क्षेत्रों में शिकायतें न्यूनतम हों, उन्हें विशेष प्रोत्साहन मिले। उन जिलों में जहाँ शिकायतें शून्य होंगी, उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा।
3. समीक्षा में मिली लापरवाही, हुई कार्रवाई
समाधान ऑनलाइन की समीक्षा में सामने आया कि कुछ प्रकरणों में लापरवाही बरती गई थी। तीन कर्मियों को निलंबित किया गया और 19 अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की गई। इसके अलावा 5 शासकीय सेवकों की वेतन वृद्धि रोकी गई, 6 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, 7 प्रकरणों में अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई, 1 प्रकरण में विभागीय जांच का आदेश हुआ।
4. श्रेष्ठ जिलों व विभागों की घोषणा
मुख्यमंत्री ने उन जिलों और विभागों की सराहना की जहाँ अच्छा कार्य हुआ है।
जिलों में: रायसेन एवं दतिया
विभाग स्तर पर: ऊर्जा विभाग उल्लेखनीय अधिकारियों-कर्मचारियों को भी शत-प्रतिशत शिकायत निराकरण के लिए बधाई दी गई।
5. लंबित प्रकरणों की कार्रवाई-उदाहरण
समाधान ऑनलाइन समीक्षा बैठक में निम्नलिखित प्रकरणों पर विशेष चर्चा हुई।
छात्रवृत्ति, आहार अनुदान, भू-अर्जन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली व शिक्षकों की उपस्थिति।
उदाहरणस्वरूप: अनूपपुर जिले में आहार अनुदान राशि न मिलने की शिकायत; ग्राम-पंचायत सचिव निलंबित, सहायक आयुक्त कार्यालय के कर्मचारी की वेतन वृद्धि रोकी गई।
रीवा जिले में लैपटॉप राशि का भुगतान कराया गया।
डिंडोरी जिले में छात्रवृत्ति भुगतान एवं बैंक स्टाफ की त्रुटि के लिए कार्रवाई।
मंदसौर जिले में प्रतिभा प्रोत्साहन योजना के राशि के विलंब पर जिम्मेदारी तय की गई।
अन्य मामलों में भू-अर्जन, राशन वितरण, छात्रावास सामग्री आदि पर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
6. प्रमुख निर्देश
मुख्यमंत्री ने निम्नप्रमुख निर्देश जारी किए हैं:
नागरिकों के कार्यों में विलंब नहीं होना चाहिए; त्वरित कार्रवाई करें।
शैक्षणिक परिसर व छात्रावासों में आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित हों; कलेक्टर्स नियमित निरीक्षण करें।
प्रकरणों में विलंब के लिए दोषी कर्मियों का दायित्व तय करें एवं कार्रवाई करें।
बैंक के अधिकारियों-कर्मचारियों सहित सभी विभाग जनता के प्रति जवाबदेह हैं; लापरवाही पर कार्रवाई हो।
कार्यालयों में लंबित शिकायतें नहीं होनी चाहिए।
जनकल्याण के सभी प्रकल्पों को सही तरह से लागू करें।
राशन की दुकानों के स्थानांतरण में ग्रामीण क्षेत्र में सरपंच और नगरीय क्षेत्र में पार्षद की सलाह व सहमति लें।
