MP कांग्रेस में गुना में असंतोष, जयवर्धन सिंह को जिलाध्यक्ष बनाने पर समर्थकों ने पुतला फूंका। सोशल मीडिया पर विरोध, जीतू पटवारी ने डैमेज कंट्रोल ट्वीट किया। पार्टी में संगठन सुधार और 2028 के लक्ष्य के लिए रणनीति जारी।
MP Congress News: MP कांग्रेस में गुना जिले में हलचल मची हुई है। राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह को गुना जिलाध्यक्ष बनाए जाने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में असंतोष उभरकर सामने आया। शनिवार को गुस्साए कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का पुतला फूंका। सोशल मीडिया पर भी कार्यकर्ता कांग्रेस फैसले की आलोचना कर रहे हैं और जयवर्धन की छवि को धूमिल करने का आरोप लगा रहे हैं।
क्या है कार्यकर्ताओं का मुख्य मुद्दा?
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रदेश का नेतृत्व करने वाले नेता को केवल जिले तक सीमित करना अन्यायपूर्ण है। कई कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पोस्ट में आलाकमान से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की। यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में निर्णय लेने की प्रक्रिया में सभी कार्यकर्ताओं की राय को पर्याप्त महत्व नहीं दिया गया।
डैमेज कंट्रोल के लिए जीतू पटवारी ने क्या कहा?
प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में डैमेज कंट्रोल किया। उन्होंने लिखा कि कांग्रेस परिवार के जांबाज साथियों, अब हमें मिलकर संगठन सृजन अभियान के अगले पड़ाव की ओर कदम बढ़ाना है। उनके अनुसार संगठन निर्माण की प्रक्रिया में चयन से वंचित रहे साथियों को शीघ्र ही नई जिम्मेदारी दी जाएगी। मुख्य लक्ष्य 2028 में कांग्रेस सरकार बनाना है।
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जयवर्धन सिंह की नियुक्ति: कांग्रेस में जान फूंकने वाला कदम
कांग्रेस ने शनिवार को जिलाध्यक्षों की सूची जारी की। इसमें राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह को गुना जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी गई। पार्टी में यह कदम काफी उत्साहजनक माना जा रहा है, क्योंकि जयवर्धन की स्वीकार्यता पार्टी के अंदर उच्च स्तर पर है। 14 साल पहले उन्होंने जनता का भरोसा जीतकर राजनीति में प्रवेश किया था। तब से वे जनता के साथ लगातार जुड़े रहे और संगठन को मजबूत बनाने में योगदान दिया।
क्या जयवर्धन सिंह के अनुभव से कांग्रेस को मिलेगा लाभ?
जयवर्धन सिंह ने 2011 में पिता दिग्विजय सिंह के समक्ष राजनीति में आने की इच्छा जताई थी। पिता ने शर्त रखी कि पहले राघौगढ़ की जनता के साथ सात दिन बिताएं और प्रत्येक परिवार से मिलकर उनकी राय जानें। जनता ने उन्हें स्वीकार किया, और तभी उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ। इस अनुभव और जनसंपर्क के चलते उन्हें अब गुना जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी गई है।
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