सार
महिला भिखारी इंद्रा ने बताया कि उसने पिछले 45 दिनों में भीख से 2।5 लाख रुपये कमाए, जिसमें से उसने 1 लाख रुपये अपने ससुराल वालों को भेजे, 50,000 रुपये बैंक खाते में जमा किए।
मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के इंदौर से एक चौकाने वाली खबर सामने आयी है। यहां एक इंद्रा बाई नाम की महिला अपने 3 बच्चों के साथ मिलकर इंदौर की सड़कों पर भीख मांगकर महज 45 दिनों में ही 2।5 लाख की मोटी रकम हासिल कर ली। इंदौर की 40 साल की महिला ने अपनी आठ साल की बेटी और दो बेटों को इंदौर की सड़कों पर भीख मांगने के लिए मजबूर किया और इस तरह से लाखों रुपए की कमाई कर डाली। मामला सामने आने के बाद आम लोग चौंक गए।
इंदौर की एक गैर सरकारी संगठन ने दावा किया है कि महिला का परिवार भीख मांगने वाले समूह में शामिल है। समूह में उनके जैसे और 150 लोग है, जो भीख मांगने का काम करती है। गैर सरकारी संगठन ने दावा किया कि भीख मांगने वाली महिला के पास राजस्थान में जमीन और दो मंजिला घर भी मौजूद है।
महिला भिखारी के पास से मिले नगदी रकम
गैर सरकारी संगठन प्रवेश संस्था की अध्यक्ष रूपाली जैन ने मंगलवार (13 फरवरी) को पीटीआई-भाषा से बात करते हुए कहा कि उन्होंने इंद्रा बाई नाम की महिला को हाल ही में इंदौर-उज्जैन रोड पर लव-कुश चौराहे पर भीख मांगते हुए देखा था। हमें उसके पास से 19,200 रुपये की नकदी मिली। आपको बता दें कि इंदौर प्रशासन का लक्ष्य है शहर को भिखारी मुक्त शहर बनाया जाए।
हालांकि, इसके बावजूद पांच बच्चों की मां ने अपनी आठ साल की बेटी समेत अपने तीन बच्चों को शहर की सड़कों पर भीख मांगने के लिए मजबूर किया था। जैन ने कहा कि लड़की को बाल कल्याण समिति की देखरेख में रखा गया था, लेकिन महिला के नौ और 10 साल के बेटे उनकी टीम को देखकर भाग गए। जैन ने कहा कि उनके बाकी बच्चे राजस्थान में थे।
पुलिस ने महिला भीखारी को किया गिरफ्तार
प्रवेश संस्था की अध्यक्ष रूपाली जैन ने महिला भीखारी इंद्रा से बात की। इस पर इंद्रा ने बताया कि उसने पिछले 45 दिनों में भीख से 2।5 लाख रुपये कमाए, जिसमें से उसने 1 लाख रुपये अपने ससुराल वालों को भेजे, 50,000 रुपये बैंक खाते में जमा किए और 50,000 रुपये सावधि जमा योजनाओं (एफडी) में निवेश किए।जैन ने कहा कि महिला के परिवार के पास राजस्थान में जमीन और दो मंजिला घर भी है।
उन्होंने कहा, "इंद्रा के पति ने उसके नाम पर एक मोटरसाइकिल खरीदी थी और दंपति दोपहिया वाहन पर शहर में घूमते थे।" वहीं पकड़े जाने के बाद इंद्रा का कथित तौर पर एक महिला NGO कार्यकर्ता के साथ विवाद हुआ। इसके बाद उसे बाणगंगा के उप-निरीक्षक ईश्वरचंद्र राठौड़ ने दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 151 (संज्ञेय अपराध को रोकने के लिए गिरफ्तारी) के तहत गिरफ्तार कर लिया।
इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने का लक्ष्य
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इंदौर समेत 10 शहरों को भिखारी मुक्त बनाने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इंदौर के जिला मजिस्ट्रेट आशीष सिंह ने कहा, "हमने शहर में भीख मांगने के लिए मजबूर बच्चों को बचाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 10 बच्चों को बचाया गया है और सरकार द्वारा संचालित बाल गृह में भेजा गया है।" उन्होंने कहा कि बच्चों को भीख मांगने के लिए मजबूर करने वाले गिरोहों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।