MP MSME सम्मेलन 2025 में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 700 एमएसएमई इकाइयों को ₹197 करोड़ की प्रोत्साहन राशि और 83 स्टार्टअप्स को ₹1 करोड़ की सहायता दी। सम्मेलन में आत्मनिर्भर भारत, नवाचार और रोजगार सृजन पर जोर दिया गया।

भोपाल। राजधानी भोपाल की एक निजी होटल में आयोजित एमएसएमई सम्मेलन-2025 उद्यमियों के लिए एक विशेष अवसर लेकर आया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर उद्यमियों और स्टार्टअप से वर्चुअल संवाद किया। उन्होंने 700 एमएसएमई इकाइयों को सिंगल क्लिक के माध्यम से ₹197 करोड़ से अधिक की प्रोत्साहन राशि दी और 83 स्टार्टअप्स को ₹1 करोड़ से अधिक की सहायता राशि प्रदान की।

हर स्टार्टअप को ₹1.20 लाख की सहायता दी गई। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने 237 उद्यमियों को भू-आवंटन पत्र वितरित किए और उद्यम क्रांति योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को सहायता राशि के चेक भी दिए। सम्मेलन में स्टार्टअप, निर्यात प्रोत्साहन, स्वदेशी उत्पादों और आत्मनिर्भर भारत पर सत्र आयोजित किए गए।

'उद्योगपति देश के असली कुबेर हैं'- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उद्योगपति वही हैं जो देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाते हैं। जैसे किसान खेतों में अन्न उगाता है और सैनिक सीमाओं की रक्षा करता है, वैसे ही उद्योगपति अपने कार्यों से हजारों परिवारों का जीवन संवारते हैं।

उन्होंने कहा कि “हम अब सोने की चिड़िया नहीं, बल्कि सोने का बाज बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।” देश आज स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है।

सीएम ने बताया कि वर्ष 2014 के बाद से देश का पूरा माहौल बदला है — रेलवे, परिवहन और बुनियादी ढांचे में बड़ा सुधार हुआ है। मध्यप्रदेश में ₹1.5 लाख करोड़ से अधिक के कार्य चल रहे हैं, और राज्य को रेलवे की चौथी लाइन की स्वीकृति भी मिल चुकी है।

MSME इकाइयों को प्रोत्साहन, रोजगार और अवसरों का विस्तार

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में प्रतिभा की कमी नहीं है, आवश्यकता केवल अवसर देने की है। उन्होंने बताया कि 237 उद्योगपतियों को भूखंड आवंटित किए गए हैं और 700 एमएसएमई इकाइयों को ₹197 करोड़ से अधिक की प्रोत्साहन राशि दी गई है।

उन्होंने कहा, 'आप आगे बढ़िए, सरकार आपके साथ खड़ी है।' मध्यप्रदेश की 80% आबादी किसी न किसी रूप में एमएसएमई से जुड़ी है। यह क्षेत्र देश की जीडीपी में 20% से अधिक का योगदान देता है।

मुख्यमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि जबलपुर की सात बहनों द्वारा शुरू किया गया ‘लिज्जत पापड़’ आज लाखों महिलाओं को रोजगार दे रहा है। महेश्वरी साड़ी, सीहोर का शरबती गेहूं और रायसेन का बासमती चावल अब अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बन रहे हैं।

MSME मंत्री चैतन्य कश्यप बोले- 'मध्यप्रदेश बना उद्यमियों का सबसे बड़ा केंद्र'

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में राज्य का एमएसएमई सेक्टर सबसे तेजी से विकसित हो रहा है। अगस्त तक की करीब ₹200 करोड़ की प्रोत्साहन राशि उद्यमियों को वितरित की जा चुकी है।

मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहाँ इतनी तेजी से उद्यमियों को इंसेंटिव दिए जा रहे हैं। राज्य में 50% सब्सिडी योजना शुरू की गई है, जिससे छोटे व्यापारी निर्यात में लाभ उठा सकें। कश्यप ने कहा कि “सब्सिडी किसी उद्योगपति के शुरुआती वर्षों में सहारा बनती है, जिससे उद्योग मजबूत होते हैं।”

उन्होंने बताया कि इस वर्ष 1080 भूखंड उद्यमियों को आवंटित किए गए हैं और हर ब्लॉक में औद्योगिक इकाई स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार अब स्टार्टअप अप्रूवल के बाद एक वर्ष तक ₹10,000 प्रतिमाह की सहायता राशि भी दे रही है ताकि नए विचार जमीन पर उतर सकें।

नवाचार और निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार का फोकस

उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री का उद्देश्य है कि हर युवा को रोजगार मिले और उद्योगों को प्रोत्साहन मिले।

प्रदेश में फरवरी 2025 तक 18 नई उद्योग आधारित नीतियां लागू की गई हैं। पहले एमएसएमई निवेश पर 46% प्रोत्साहन मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर ₹83 करोड़ तक के निवेश पर 50% फ्लैट इंसेंटिव कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार ने 2500 यूनिट्स को ₹2162 करोड़ की वित्तीय सहायता दी है। आज कार्यक्रम में करीब ₹200 करोड़ की राशि दी जा रही है। “उद्यम क्रांति योजना के तहत ₹613 करोड़ की सहायता दी जा चुकी है, और पिछले 6 सालों में 820 इकाइयों को भूमि आवंटित की गई है,” उन्होंने कहा।

आज 237 नए उद्यमियों को भू-आवंटन पत्र दिए गए, जिससे यह संख्या 1100 इकाइयों से अधिक हो गई है। प्रदेश में 6000 से अधिक स्टार्टअप कार्यरत हैं, जिनमें से 2800 का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। स्टार्टअप नीति 2025 के अंतर्गत 83 स्टार्टअप्स को ₹1 करोड़ से अधिक की राशि वितरित की गई है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में निवेश और रोजगार का नया युग

मध्यप्रदेश सरकार ने उद्योग, स्टार्टअप और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कई नई योजनाएं लागू की हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि प्रदेश अब केवल निवेश आकर्षित नहीं कर रहा, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार देने और स्वदेशी ब्रांड बनाने की दिशा में अग्रसर है।

MSME सम्मेलन-2025 ने यह साबित कर दिया कि मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर भारत के मिशन को आगे बढ़ाने में सबसे अग्रणी राज्यों में शामिल है।

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