MP Police Update: 100 नंबर भूल जाइए! अब मध्य प्रदेश में सभी आपातकालीन सेवाओं के लिए 112 डायल करें। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाई-टेक वाहन, एकीकृत ऐप्स और रियल-टाइम ट्रैकिंग की शुरुआत की - तेज़ प्रतिक्रिया, बेहतर जन सुरक्षा, बस एक कॉल की दूरी पर।।
MP Police Emergency Services: मध्य प्रदेश की पुलिस सेवा में बड़ा बदलाव। अब डायल-100 की जगह आपातकालीन मदद के लिए 112 नंबर डायल करना होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार से नए डायल-112 वाहन को हरी झंडी दिखाकर जिलों के लिए रवाना किया। इस कदम से सार्वजनिक सुरक्षा, आपातकालीन प्रतिक्रिया और तेज़ पुलिस सेवा में सुधार होने की उम्मीद है।
क्या है नया डायल-112 सिस्टम और कैसे करेगा काम?
नए वाहनों में रीयल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग, डेटा एनालिटिक्स, और मोबाइल एप आधारित सुविधा शामिल है। शहरी क्षेत्रों में स्कार्पियो एन और ग्रामीण इलाकों में बोलेरो वाहन दौड़ेंगे, जिससे पुलिस घटनास्थल पर जल्दी पहुंच सकेगी। पहले चरण में 1200 वाहन सक्रिय किए जा चुके हैं और जल्द ही इसे बढ़ाकर 2000 वाहन तक किया जाएगा। पहली खेप में भोपाल से 250 वाहन रवाना किए गए हैं।

क्या है डायल-112 में खास?
- 100 एजेंट की क्षमता वाला नया कांटैक्ट सेंटर
- एसआइपी आधारित ट्रंक लाइन से आसान कॉल रूटिंग
- नंबर मास्किंग सुविधा – कॉलर की पहचान छिपी रहेगी
- चैटबॉट और शिकायत ट्रैकिंग के साथ संवाद सुविधा
- वाहन में डैशबोर्ड और बाडी वार्न कैमरा
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डायल-100 की उपलब्धियां: एक नजर
1 नवंबर 2015 से डायल-100 सेवा ने राज्यव्यापी पुलिस आपातकालीन प्रतिक्रिया सुनिश्चित की। अब तक कुल 8.99 करोड़ कॉल आईं, जिनमें से 2.07 करोड़ कॉल कार्रवाई योग्य थीं।
- महिला सुरक्षा में मदद: 19,71,396 मामले
- वरिष्ठ नागरिक सहायता: 2,23,288 लोग
- सड़क दुर्घटना में सहायता: 12,48,621 लोग
- लापता बच्चों की खोज: 27,112 बच्चे
- आत्महत्या प्रयास रोकना: 2,64,347 मामले

Integrated Emergency Service 112: एक नंबर में सभी आपातकालीन सेवाएं
अब एक नंबर 112 से उपलब्ध सेवाएं:
- पुलिस (100)
- एंबुलेंस (108)
- अग्निशमन (101)
- महिला हेल्पलाइन (1090)
- साइबर क्राइम (1930)
- रेल मदद (139)
- हाइवे एक्सीडेंट रिस्पांस (1099)
- प्राकृतिक आपदा (1079)
- महिला और चाइल्ड हेल्पलाइन (181,1098)
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