MP में मानसून एक्टिव! मौसम विभाग ने 36 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। धार-झाबुआ समेत 6 जिलों में ऑरेंज और बाकी में यलो अलर्ट है। भोपाल, जबलपुर, सीहोर में अगले 3 घंटे में भारी बारिश के आसार, बाढ़ का खतरा बढ़ा। जानें लेटेस्ट अपडेट…

भोपाल। मध्य प्रदेश में मानसून ने एक बार फिर तांडव मचा दिया है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने प्रदेश के 36 जिलों में खतरे की घंटी बजा दी है। मौसम विभाग ने कई जगहों पर आरेंट और येलो अलर्ट घोषित किया है। धार और झाबुआ समेत 6 जिलों में अतिभारी बारिश की संभावना जताई गई है, जबकि बाकी जिलों में भी तेज बारिश के आसार हैं। आने वाले 24 घंटे मध्य प्रदेश के लिए और ज्यादा खतरनाक साबित होंगे।

आखिर क्यों बढ़ा MP में बारिश का खतरा?

मौसम विभाग के अनुसार, पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में लो प्रेशर एरिया बना हुआ है। इस वजह से समुद्र तल से ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है। यही कारण है कि भोपाल, जबलपुर, नरसिंहपुर और सीहोर समेत कई जगहों पर अगले तीन घंटों में भारी बारिश की संभावना है।

किन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है?

मौसम विभाग ने धार, झाबुआ, रतलाम, खरगोन, अलीराजपुर और बड़वानी जिलों में ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) घोषित किया है। इन जगहों पर अगले 24 घंटों में अतिभारी बारिश हो सकती है, जिससे अचानक बाढ़ जैसी स्थिति बनने का खतरा है।

किन जिलों को मिला येलो अलर्ट?

प्रदेश के 30 जिलों में येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया गया है। इसमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, शाजापुर, गुना, ग्वालियर, शिवपुरी, जबलपुर और सिवनी जैसे बड़े जिले शामिल हैं। यहां लगातार झमाझम बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है।

बाढ़ का खतरा कहां सबसे ज्यादा है?

धार, अलीराजपुर, इंदौर और बड़वानी जिलों में अचानक बाढ़ का खतरा सबसे ज्यादा बताया गया है। भारी बारिश से नदी-नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है, जिससे आसपास के गांव और शहरों में जलभराव की स्थिति बन सकती है।

तापमान और मौसम में क्या बदलाव दिख रहा है?

बारिश के चलते तापमान में भी तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। जहां एक तरफ खंडवा में न्यूनतम तापमान 17 डिग्री तक पहुंच गया है, वहीं टीकमगढ़ जिले में अधिकतम तापमान 34 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।

क्या आने वाले दिन और खतरनाक हो सकते हैं?

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर लो प्रेशर एरिया लंबे समय तक सक्रिय रहा तो मध्य प्रदेश के और भी जिलों में बारिश का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने और प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करने की जरूरत है।