सार
मध्यप्रदेश के शहडोल जिले से एक रूह कंपा देने वाली खबर सामने आ रही है। यहां महज 1.5 माह के बच्चे को 40 बार गर्म सलाखों से दागा है। इस मामले में बच्चे की मां, दादी और दाई के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
शहडोल. जहां आज के समय में इंसान का इलाज आधुनिक होता जा रहा है। एक से बढ़कर एक नई टेक्नोलॉजी से इलाज हो रहा है। वहीं मध्यप्रदेश में आज भी ऐसे कई क्षेत्र है। जहां इलाज के नाम पर लोगों को गर्म सलाखों से दागा जाता है। हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि ऐसे करते समय इंसान पर बिल्कुल भी रहम नहीं किया जाता है। कई बार ऐसा करने से इंसान की मौत भी हो जाती है। लेकिन लोहे की गर्म सलाखों से दागने वाले के हाथ नहीं कांपते हैं।
गंभीर हालात होने तक सलाखों से दागा
ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के शहडोल जिले से सामने आया है। जिसमें महज 1.5 माह के एक बच्चे को लोहे की गर्म सलाखों से एक के बाद एक करीब 40 बार दागा गया है। जिससे बच्चे के पूरे शरीर पर जलने के निशान हो गए हैं। बच्चे की अवस्था जब गंभीर हो गई तो घरवाले उसे लेकर अस्पताल भागे, तब जाकर इस मामले का खुलासा हुआ और पुलिस ने इस मामले में बच्चे की मां, उसकी दादी और दागने वाली दाई के खिलाफ केस दर्ज किया है।
1.5 के बच्चे से बेरहमी, नहीं पसीजा मां का दिल
दरअसल, शहडोल जिले के ग्राम हरदी निवासी एक बैगा परिवार में 1.5 माह के बच्चे को निमोनिया हुआ था। इस कारण बच्चे की मां बेतलवती बैगा और बच्चे की दादी रजनी बैगा ने वहीं रहने वाली दाई से सम्पर्क किया। जो अक्सर गांव की महिलाओं की डिलेवरी वहीं करवा देती है। दाई ने बच्चे के निमोनिया के इलाज के लिए गर्म सलाखों से दागने की सलाह दी। इसके बाद बच्चे को उसी के घर में जाकर लोहे की सलाख को पहले आग पर खूब गर्म किया गया, जब वह जलकर लोहे की तरह सुर्ख लाल होती थी। फिर उससे बच्चे को दागा जाता, इसी तरह बार बार सलाख गर्म कर बच्चे को करीब 40 बार दागा। हैरान करने वाली बात यह है कि इसके बाद भी महिलाओं का मन नहीं पसीजा। लेकिन जब बच्चे की स्थिति फिर भी बिगड़ने लगी तो उन्हें मजबूरी में बच्चे को अस्पताल लेकर जाना पड़ा, तब जाकर मामला पुलिस के पास पहुंचा। फिलहाल डॉक्टर बच्चे का इलाज कर रहे हैं।