मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि साइबर अपराध से लड़ाई केवल पुलिस की नहीं बल्कि पूरे समाज की है। ‘रन फॉर साइबर अवेयरनेस’ कार्यक्रम से साइबर सुरक्षा जनआंदोलन बना है। उन्होंने नागरिकों से हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत शिकायत करने की अपील की।

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि साइबर अपराध से बचाव के लिए सबसे बड़ा हथियार जागरूकता है। उन्होंने ‘रन फॉर साइबर अवेयरनेस’ के आयोजन के लिए मध्यप्रदेश पुलिस और सभी प्रतिभागियों को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लड़ाई केवल पुलिस की नहीं बल्कि पूरे समाज की है। तकनीक और कानून अपने स्थान पर हैं, पर असली सुरक्षा तभी है जब नागरिक खुद जागरूक हो।

‘रन फॉर साइबर अवेयरनेस’ बना जनआंदोलन

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान डिजिटल युग की सबसे जरूरी पहल को जनआंदोलन का रूप दे रहा है। आज जिस रफ्तार से देश डिजिटल हो रहा है, उतनी ही तेजी से नए साइबर खतरे भी बढ़े हैं। डिजिटल अरेस्ट, फेक प्रोफाइल, डेटा चोरी, ऑनलाइन ठगी, फेक इन्वेस्टमेंट लिंक जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। हर वर्ग इससे प्रभावित हो रहा है।

अटल पथ से टी.टी. नगर स्टेडियम तक हुई साइबर जागरूकता रन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रतिभागियों को अटल पथ स्थित प्लेटिनम प्लाजा से झंडी दिखाकर रवाना किया। रन एपेक्स बैंक तिराहा होते हुए टी.टी. नगर स्टेडियम पर समाप्त हुई। इस मौके पर विधायक भगवानदास सबनानी, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री को पुलिस बैंड की धुन पर सलामी दी गई और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।

ठगी होने पर तुरंत करें 1930 पर कॉल

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल इंडिया के माध्यम से भारत को तकनीकी रूप से सशक्त राष्ट्र बनाने का सपना साकार किया है।उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश ने पंचायत से लेकर सचिवालय तक डिजिटल सेवाएं पहुंचाई हैं। उन्होंने कहा– “यदि किसी के साथ साइबर ठगी हो, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।” देरी करने से पैसे वापस मिलने की संभावना घट जाती है। जैसे स्वच्छता हमारी संस्कृति बनी, वैसे ही साइबर स्वच्छता को भी अपनाना होगा।

डिजिटल युग का मंत्र – ‘स्टॉप, थिंक, एंड देन टेक एक्शन’

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने साइबर सुरक्षा के लिए यह सार्थक मंत्र दिया है– “रुको, सोचो और फिर कदम उठाओ।” किसी अनजान कॉल या लिंक पर तुरंत भरोसा न करें। पहले सोचें, फिर कार्रवाई करें। यही डिजिटल युग का संविधान और सुरक्षित नागरिक का संस्कार है।

साइबर अपराध: केवल पैसों का नहीं, विश्वास और पहचान का भी नुकसान

पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने कहा कि साइबर अपराध दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता अपराध है। आने वाले समय में यह अन्य अपराधों को पीछे छोड़ देगा। उन्होंने कहा कि यह केवल पैसों की हानि नहीं बल्कि विश्वास, चरित्र और पहचान की भी क्षति है। रिसर्च, डिजाइन या फोटो की चोरी भी साइबर अपराध है। 

सुरक्षित रहना अब सिर्फ दरवाजा बंद करना नहीं, स्क्रीन लॉक करना भी

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इस दौड़ का उद्देश्य केवल दौड़ना नहीं बल्कि जागरूक रहना और दूसरों को जागरूक करना है। उन्होंने कहा- “पासवर्ड, ओटीपी और निजी जानकारी किसी के साथ साझा न करें।” मध्यप्रदेश पुलिस निरंतर साइबर जागरूकता अभियान चला रही है, ताकि हर नागरिक अपनी डिजिटल पहचान की सुरक्षा कर सके।

अक्टूबर माह: साइबर जागरूकता माह

अक्टूबर को साइबर जागरूकता माह के रूप में मनाया जा रहा है। पूरे प्रदेश में कार्यशालाएं, स्कूल-कॉलेज सत्र और सोशल मीडिया कैंपेन चलाए गए हैं। इसी अभियान के अंतर्गत ‘रन फॉर साइबर अवेयरनेस 2025’ का आयोजन हुआ जिसमें पुलिस अधिकारी, विद्यार्थी और स्वयंसेवी संस्थाएं शामिल हुईं।