सार

बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन मध्यप्रदेश में 1 मार्च से विक्रमोत्सव 2024 की धूम मचने वाली है। ये आयोजन करीब एक माह तक चलेगा। जिसमें हर दिन एक से बढ़कर एक कालाकारों द्वारा नृत्य, संगीत और गीतों की प्रस्तुति दी जाएगी।

उज्जैन. मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में विकमोत्सव 2024 का आयोजन होने जा रहा है। जिसमें 1 मार्च से लेकर 9 अप्रैल तक करीब सवा महीने तक लोकगीत से लेकर शास्त्रीय संगीत और देश दुनिया की विभिन्न कलाओं का प्रदर्शन किया जाएगा। इस आयोजन में देशभर के मशहूर कलाकारों द्वारा एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी जाएगी। इस भव्य आयोजन का शुभारंभ सीएम मोहन यादव द्वारा किया जाएगा।

यहां होंगे आयोजन

विक्रमोत्सव 2024 के तहत होने वाले अधिकतर आयोजन उज्जैन की कालिदास अकादमी परिसर, त्रिवेणी संग्रहालय, पॉली​टेक्निक ग्राउंड, विक्रम कीर्ति मंदिर, घंटा घर, क्षिप्रा तट सहित उज्जैन शहर के अलग अलग स्थानों पर किया जाएगा। ताकि इस उत्सव का आनंद पूरे उज्जैन में मनाया जा सके। आईये जानते हैं विक्रमोत्सव 2024 में किस दिन क्या आयोजन होंगे।

 

 

 

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी की स्थापना

विक्रमोत्सव 2024 के तहत बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में विक्रमादित्य वैदिक घड़ी की स्थापना की जा रही है। ये स्थापना 1 मार्च को नगर पालिका निगम एवं आचार्य वराहमिहिर वैधशाला एवं जिला प्रशासन उज्जैन के सहयोग से की जाएगी। ये घड़ी भारतीय कालगणना की सर्वाधिक प्रमाणिक एवं पारंपरिक पद्धति की पुर्नस्थापना है।

 

  • विक्रमोत्सव 2024 का 1 मार्च को सुबह 10.30 बजे कालीदास अकादमी उज्जैन में शुभारंभ होगा।

  • 1 मार्च से 9 मार्च तक अनादि पर्व का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान पंडित कन्हैया मित्तल द्वारा भजनों की प्रस्तुति भी दी जाएगी।

  • 7 मार्च को मशहूर अभिनेत्री हेमामालिनी द्वारा दुर्गा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी जाएगी। 10 मार्च को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।

  • 11 से 17 मार्च तक विक्रमोत्सव 2024 के तहत श्रीकृष्णलीला, भक्ति गायन, डांडिया रास, बांसुरीवादन, शंखध्वनी और नृत्य का आयोजन किया जाएगा।

  • 18 मार्च से राष्ट्रीय विज्ञान समागम, महादेव शिल्प कला और पौराणिक फिल्मों का अंतरराष्ट्रीय महोत्सव का आयोजन होगा।

  • 7 अप्रैल से वेद अंताक्षरी, दैवज्ञ सम्मान समारोह, अंतरराष्ट्रीय इतिहास समागम, 8 अप्रैल को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, 9 अप्रैल को संगोष्ठी का आयोजन रहेगा।

  • 9 अप्रैल को उज्जैन के क्षिप्रा तट पर सूर्य उपासना और महाकाल शिव ज्योतिअर्पणम के तहत 25 लाख दीप जलाए जाएंगे।

  • विक्रमोत्सव 2024 के तहत 18 मार्च से 9 अप्रैल तक रोज शाम 7 बजे से कालीदास अकादमी में कथक नृत्य, तबला वादन, गीत, संगीत सहित अन्य कार्यक्रम होंगे।

 

  • 1 मार्च से 12 मार्च तक विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में हर दिन अलग अलग विषय पर परिचर्चा होगी।