सार
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक तूफान मचा हुआ है। पीएम मोदी और सीएम शिंदे द्वारा माफ़ी मांगने के बावजूद, शिवसेना ने राज्यव्यापी जूता मारो आंदोलन चलाया, जिसमे भारी संख्या में लोग शामिल हुए।
मुंबई: छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने से महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आया है। पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम एकनाथ शिंदे और दोनों डिप्टी सीएम के माफी मांगने के बाद भी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना सहित महा विकास अघाड़ी ने राज्यव्यापी जूता मारो आंदोलन किया। बड़ी संख्या में लोग जूता लेकर सड़कों पर उतरे। आईए 10 प्वाइंट्स में जानते हैं पूरे विवाद का अपडेट...
- रविवार को पूरे महाराष्ट्र, विशेषकर मुंबई की सड़कों पर भारी संख्या में लोग जूता मारो आंदोलन के लिए निकले। महा विकास अघाड़ी ने बीजेपी, शिंदे वाली शिवसेना और अजीत पवार के एनसीपी नेताओं के पोस्टर्स पर प्रतिकात्मक रूप से जूता मारकर विरोध प्रदर्शन किया। उधर, बीजेपी ने भी महा विकास अघाड़ी के खिलाफ रैली कर 17वीं शताब्दी के मराठा योद्धा राजा के प्रति उनकी श्रद्धा को चुनौती दी।
- विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी ने एक विरोध रैली में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र की आत्मा का अपमान किया गया है और लोग छत्रपति शिवाजी का अपमान करने वालों को कभी नहीं भूलेंगे।
- ठाकरे ने पीएम मोदी की माफ़ी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री चार दिन पहले आए थे। उन्होंने माफ़ी मांगी। माफ़ी मांगते समय भी उनके चेहरे पर कुछ नहीं था। इस गलती के लिए कोई बहाना नहीं है। शिवाजी महाराज और गेटवे ऑफ इंडिया हमारे देश का प्रवेश द्वार है। यह शिव विरोधी सरकार असंवैधानिक तरीके से बैठी है।
- भाजपा ने मुंबई के दादर इलाके में महा विकास अघाड़ी के खिलाफ जवाबी प्रदर्शन किया। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एमवीए का आंदोलन पूरी तरह से राजनीतिक है। फडणवीस ने कहा कि एमवीए या कांग्रेस ने कभी छत्रपति शिवाजी का सम्मान नहीं किया। पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी द्वारा लाल किले से दिए गए भाषणों को याद करें, कभी छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम नहीं लिया गया। जब कमल नाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब छत्रपति शिवाजी की मूर्ति को बुलडोजर से हटा दिया गया था।
- सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे, छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेते हैं लेकिन काम औरंगजेब और अफजल खान जैसे हैं। महाराष्ट्र के लोगों ने दो साल पहले उन्हें (उद्धव ठाकरे) उनकी जगह दिखा दी है।
- कांग्रेस के नाना पटोले ने कहा कि विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने माफी मांगी है लेकिन यह पाप अक्षम्य है।
- पूर्व में पालघर पहुंचे प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्रपति शिवाजी की मूर्ति गिरने से काफी लोग आहत हुए हैं। जब मैं यहां पहुंचा तो मैंने सबसे पहले शिवाजी से मूर्ति गिरने पर माफ़ी मांगी। मैं उन लोगों से भी माफ़ी मांगता हूं जो इस घटना से आहत हुए हैं। जो लोग छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना देवता मानते हैं और उन्हें बहुत दुख पहुंचा है, मैं उनसे सिर झुकाकर माफ़ी मांगता हूं। हमारे मूल्य अलग हैं। हमारे लिए हमारे देवता से बड़ा कुछ नहीं है। छत्रपति शिवाजी महाराज मेरे और मेरे दोस्तों के लिए सिर्फ एक नाम नहीं है। हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक महाराजा नहीं हैं। हमारे लिए वे पूजनीय हैं। आज मैं छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने नतमस्तक हूं और उनसे क्षमा मांगता हूं।
- पीएम मोदी के पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने एक-एक कर माफी मांगी थी।
- शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में एफआईर में नामित स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल को कोल्हापुर में 29 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया है। कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक महेंद्र पंडित ने बताया कि पाटिल को गुरुवार देर रात गिरफ्तार कर आगे की जांच के लिए सिंधुदुर्ग पुलिस को सौंप दिया गया।
- सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची मूर्ति 26 अगस्त को गिर गई थी। इस मूर्ति का अनावरण 4 दिसंबर 2023 को नौसेना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में किया गया था, जो सिंधुदुर्ग में पहली बार आयोजित किया गया था। नौसेना दिवस समारोह में शिरकत करने पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने इसका अनावरण किया था। दरअसल, महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज का विशेष सम्मान है। छत्रपति शिवाजी महाराज, मराठा अस्मिता और विरासत के गौरवशाली प्रतीक हैं।
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